भारत में जो पहले सर्च किया जा चुका है उसी पर हो रही है अब रिसर्च
भारत भूमि में पहले जो चीजें सर्च की जा चुकी हैं, उन्हीं पर अब रिसर्च हो रही है। पुष्पक विमान से लेकर ब्रह्मास्त्र तक का उल्लेख हमारे प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। राजस्व, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने यह बात भेल दशहरा मैदान में छठवें विज्ञान मेला में कही। मेला 6 मार्च तक चलेगा।
श्री गुप्ता ने कहा कि शास्त्रों में उल्लेखित सभी संस्कार वैज्ञानिक पद्धतियों पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने एक साथ 104 सेटेलाइट लांच कर विश्व कीर्तिमान बनाया है। श्री गुप्ता ने कहा कि वैज्ञानिक प्रगति की जानकारी लोगों तक पहुँचाने के लिये इस तरह के मेले जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि विज्ञान मेले में वैज्ञानिकों द्वारा दिये गये सुझावों का सरकार पालन करेगी। श्री गुप्ता ने ब्रह्मोस मिसाइल सहित अन्य अविष्कारों से संबंधित प्रदर्शनी को देखा। उन्होंने एलएनसीटी के छात्रों द्वारा बनायी गयी गाड़ी को भी देखा।
सहकारिता एवं गैस राहत (स्वतंत्र प्रभार) और पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री विश्वास सारंग ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री लाल बहादुर शास्त्री ने 'जय जवान-जय किसान'' का नारा दिया था। उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने विज्ञान के महत्व को समझा और 'जय जवान-जय किसान'' के साथ ही 'जय-विज्ञान'' का नारा भी दिया। श्री सारंग ने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में जिस तरह से कार्य हो रहा है, उससे बहुत जल्द भारत इस क्षेत्र में विश्व गुरु बनेगा।
केन्द्रीय रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने वीडियो के माध्यम से अपना संदेश दिया। वैज्ञानिक श्री सुधीर मिश्रा ने बताया कि ब्रह्मोस मिसाइल रूस के सहयोग से बनायी गयी है। उन्होंने बताया कि मिसाइल की मारक क्षमता 800 किलोमीटर तक होगी। मेला में विज्ञान भारती के संगठन सचिव श्री जयंत सहस्रबुद्धे ने विज्ञान के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों के बारे में बताया। श्री तस्नीम हबीब ने मेला आयोजन के उद्देश्य की जानकारी दी। मेला में विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न विषय पर किये गये रिसर्च के मॉडल रखे गये हैं। मेला में विषय-विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान भी दिया जायेगा।
राजेश पाण्डेय