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प्रदेश की शासकीय शालाओं की जी.आई.एस. मेपिंग की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना


 

राज्य में शासकीय शालाओं में होने वाले निर्माण कार्यों और सुविधाओं की बेहतर मॉनीटरिंग के लिये स्कूल शिक्षा विभाग ने जी.आई.एस. मेपिंग (ज्योग्राफिक इन्फारमेंशन सिस्टम) तकनीक का उपयोग शुरू किया है। प्रदेश में किये गये जी.आई.एस. मेपिंग को राष्ट्रीय स्तर भी पर सराहा गया है। जी.आई.एस. मेपिंग के लिये एन.आई.सी. के सहयोग से एक मोबाइल एप्लीकेशन (एप) तैयार किया गया है। यह एप्लीकेशन जी.पी.एस. युक्त कैमरे की सुविधा के साथ एन्ड्रायड स्मार्ट फोन पर कार्य कर रहा है।

मोबाइल एप ऑफ लाइन और ऑनलाइन दोनों होने के कारण बिजली, कम्प्यूटर एवं प्रशिक्षित स्टाफ की निर्भरता नहीं रही। प्रदेश की सभी शासकीय शालाओं में उपलब्ध अधोसंरचना की वर्तमान स्थिति को फोटोग्राफ के साथ एजुकेशन पोर्टल सर्वर पर अपलोड किया गया है। प्रदेश की एक लाख 20 हजार शाला भवन एवं अन्य सुविधाएँ गूगल मेप पर एजुकेशन पोर्टल के जी.आई.एस. मॉड्यूल पर देखी जा सकती है। सभी जानकारी को पब्लिक डोमेन पर भी उपलब्ध करवायी गयी है।

प्रदेश में नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम में प्रत्येक एक किलोमीटर पर प्राथमिक शाला, तीन किलोमीटर पर माध्यमिक और 5 किलोमीटर पर हाईस्कूल की उपलब्धता को अनिवार्य किया गया है। अधिनियम के परिपालन के लिये स्कूल शिक्षा विभाग के सरकारी स्कूलों की जी.आई.एस. मेपिंग की आवश्यकता अनिवार्य हो गई थी।
मुकेश मोदी

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