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हिन्दी भाषा को समृद्ध बनाने के प्रयासों में तेजी लायी जाये


 

म.प्र. राष्ट्रभाषा प्रचार समिति की शरद व्याख्यान माला में राज्यपाल श्री कोहली 

राष्ट्रभाषा हिन्दी का दायरा बहुत व्यापक है। आज हमारा देश जिस तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है उसमें हिन्दी की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए हिन्दी भाषा को समृद्ध बनाने के प्रयासों में तेजी लाना चाहिए। यह बात आज राज्यपाल श्री ओम प्रकाश कोहली ने शरद व्याख्यान माला का शुभारंभ करते हुए कही। व्याख्यान माला का आयोजन मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति द्वारा किया गया। राज्यपाल श्री कोहली ने वरिष्ठ कवि एवं कला समीक्षक श्री प्रयाग शुक्ल को श्री नरेश मेहता स्मृति वांग्मय सम्मान तथा उपन्यासकार श्री संतोष चौबे को श्री शैलेश मटियानी कथा सम्मान से अलंकृत किया।

राज्यपाल श्री कोहली ने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि हिन्दी ही एकमात्र भाषा है, जो देश को एक सूत्र में बाँध सकती है। आज आतंकवाद, नक्सलवाद और अराजकतावाद के बढ़ते खतरे को देखते हुए आवश्यकता हिन्दी भाषा के अधिक से अधिक प्रचार प्रसार की है। उन्होंने कहा कि गाँधी जी से पहले गुजरात के ही स्वामी दयानन्द सरस्वती ने हिन्दी के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता को समझा था। पंजाब के स्वामी श्रद्धानंदजी ने गुरूकुल कांगड़ी की स्थापना की थी और ज्ञान-क्षेत्र के विषयों पर हिन्दी में पुस्तकें तैयार कराई थीं।

विशिष्ट अतिथि श्री रमेशचन्द्र शाह ने भारतीय कला दृष्टि पर विचार रखे। उन्होंने कहा कि चित्र कला और मूर्ति कला के बीच जो टकराव है उसको गहराई में जाकर समझने की आवश्यकता है, क्योंकि इन दोनों के बीच टकराव नहीं होना चाहिए। श्री शाह ने कहा कि पुरूष और प्रकृति के बीच भेद नहीं किया जाना चाहिए। तपस्या के बिना आत्मशक्ति और राष्ट्रशक्ति का विकास संभव नहीं हो सकता है। पुरस्कार प्राप्त वरिष्ठ कवि एवं कला समीक्षक श्री प्रयाग शुक्ल एवं उपन्यासकार श्री संतोष चौबे ने अपनी रचनाओं के बारे में बताया।

राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के सचिव श्री कैलाश पंत ने स्वागत भाषण दिया। आभार समिति के अध्यक्ष श्री सुखदेव प्रसाद दुबे ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में समिति के अन्य पदाधिकारी और बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक, साहित्यकार उपस्थित थे।
राजेन्द्र राजपूत

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