शहरी बेघरों के आश्रय घटक में पिछले वर्ष प्रदेश को देश में पहला स्थान
दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना के शहरी बेघरों के लिए आश्रय घटक में पिछले वित्त वर्ष में प्रदेश का राष्ट्रीय स्तर पर पहला स्थान रहा। वर्तमान में 24 शहर में 100 आश्रय स्थल का उन्नयन एवं संचालन किया जा रहा है। अभी 33 नवीन आश्रय स्थल में से 29 पूरे हो चुके हैं। शेष जल्द ही पूरे हो जायेंगे। यह जानकारी आज योजना की कार्यकारी परिषद की पहली बैठक में दी गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव श्री बसंत प्रताप सिंह ने की।
बैठक में सामाजिक एकजुटता एवं संस्थागत विकास घटक में 26 शहर में 30 शहरी आजीविका केंद्र की स्थापना के लिए प्रशासकीय स्वीकृति का अनुमोदन किया गया। वर्ष 2017-18 में दीनदयाल अंत्योदय योजना -राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के चरण-2 के रूप में स्व-रोजगार कार्यक्रम, सामाजिक एकजुटता एवं संस्थागत विकास तथा पथ पर विक्रय करने वालों को सहायता वाले 3 घटक को प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में लागू करने का अनुमोदन किया गया। इसके अलावा योजना के सभी 6 घटक को 50 हजार से अधिक जनसंख्या वाले 70 शहर में लागू किये जाने का भी अनुमोदन किया गया।
सचिव नगरीय विकास श्री विवेक अग्रवाल ने योजना के घटक एवं अद्यतन प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि योजना के 6 मुख्य घटक हैं। इसमें सामाजिक एकजुटता एवं संस्थागत विकास, कौशल प्रशिक्षण एवं रोजगार, स्व-रोजगार कार्यक्रम, क्षमता संवर्धन एवं प्रशिक्षण, स्ट्रीट वेंडर्स के लिए सहायता तथा शहरी बेघरों के लिए आश्रय शामिल हैं। योजना प्रथम चरण में प्रदेश के 55 शहर में लागू है। इसमें 51 जिला मुख्यालय एवं एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले पीथमपुर, नागदा, डबरा एवं इटारसी शहर शामिल हैं।
बताया गया कि शहरी पथ विक्रेताओं की सहायता घटक में भोपाल एवं जबलपुर में दो-दो एवं छिंदवाड़ा में पाँच हॉकर्स कार्नर तथा उज्जैन में एक वेंडर मार्केट के लिए 560 लाख रुपए की परियोजनाएँ पहले स्वीकृत हो चुकी हैं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री राधेश्याम जुलानिया, प्रमुख सचिव लोक निर्माण श्री प्रमोद अग्रवाल, प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग श्री मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय श्री व्ही के बाथम एवं वित्त सचिव श्री अनिरुद्ध मुखर्जी उपस्थित थे।
राजेश दाहिमा