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मध्यप्रदेश में साल 2012 की तुलना में 7 गुना अधिक नवकरणीय ऊर्जा स्थापित



मध्यप्रदेश में उजाला योजना के बेहतर क्रियान्वयन के फलस्वरूप अब तक एक करोड़ से अधिक एलईडी बल्ब का वितरण हो चुका है। प्रदेश में उजाला योजना गत वर्ष 30 अप्रैल को शुरू हुई थी। राज्य में प्रतिमाह औसतन 12 लाख 50 हजार 320 एलईडी बल्ब वितरित किये रहे हैं। इस प्रकार मध्यप्रदेश की स्थिति पूरे देश में दूसरे स्थान पर है।

ट्यूबलाइट और पंखों का भी वितरण
एक करोड़ एलईडी बल्ब के वितरण से सालाना 1825 मिलियन यूनिट बिजली की बचत होगी। साथ ही उपभोक्ताओं के बिजली बिल में सालाना 1095 करोड़ रुपये की कमी आयेगी। प्रदेश में तीन माह पूर्व 20 वॉट की एलईडी ट्यूबलाइट और 5 स्टार रेकिंग पंखों का वितरण प्रारंभ किया गया था। पंखे की कीमत 1150 रुपये है, जो बाजार दर से आधी कीमत पर है। अब तक 55 हजार ट्यूब-लाइट तथा 6500 पंखे वितरित किये गये हैं। एलईडी बल्ब, ट्यूब-लाइट और ऊर्जा दक्ष 5 स्टार रेटिंग पंखे पोस्ट ऑफिस ऊर्जा भवन भोपाल, ऊर्जा विकास निगम के जिला कार्यालय, ऊर्जा शॉप, हाट-बाजार, विद्युत वितरण केन्द्र आदि के माध्यम से प्रदाय किये जा रहे हैं।

गत वर्ष नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा की 1497.33 मेगावॉट की परियोजनाएँ स्थापित की गयी, जिनसे प्रदेश को लगभग 10 हजार करोड़ का निवेश प्राप्त हुआ था। यह उपलब्धि साल 2014-15 में स्थापित 661.5 मेगावॉट की तुलना में 2.26 गुना अधिक है। साल 2015-16 के दौरान स्थापित क्षमता की दृष्टि से प्रदेश देश का प्रथम राज्य रहा है। इस साल देश की लगभग 24 प्रतिशत क्षमता प्रदेश में स्थापित हुई। इस प्रकार प्रदेश की कुल नवकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता 3018.89 मेगावॉट हो गयी है, जो साल 2012 की स्थापित क्षमता 438 मेगावॉट से 7 गुना अधिक है।

पवन ऊर्जा परियोजनाओं में देश में अव्वल
पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना में भी बेहतर कार्य कर मध्यप्रदेश देश में पहले स्थान पर रहा। पूरे साल 1261.4 मेगावॉट क्षमता स्थापित हुई, जो देश में किसी भी राज्य द्वारा अब तक एक साल में स्थापित क्षमता में सबसे अधिक है। देश में 3200 मेगावॉट क्षमता की पवन ऊर्जा परियोजनाएँ स्थापित हुई। इनमें प्रदेश की 40 प्रतिशत भागीदारी रही।

गुढ़ (रीवा) में विश्व की सबसे बड़ी सोलर परियोजना
विश्व की सबसे बड़ी 750 मेगावॉट की सौर ऊर्जा परियोजना रीवा‍जिले में क्रियान्वित की जा रही है। परियोजना पर 4500 करोड़ का निवेश होगा। इससे उत्पादित होने वाली ऊर्जा राज्य की आवश्यकताओं की पूर्ति के अलावा दिल्ली मेट्रो को भी बिजली प्रदाय करेगी।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2016
गत अक्टूबर में इंदौर में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा की 5 परियोजनाओं के निवेश प्राप्त हुए। इन परियोजनाओं की कुल क्षमता 2700 मेगावॉट है, जिस पर लगभग 16 हजार 200 करोड़ रुपये का निवेश संभावित है।
प्रलय श्रीवास्तव

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