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गर्भावस्था में रक्ताल्पता के प्रबंधन पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला कान्हा में


 

मध्यप्रदेश और भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से गर्भावस्था में रक्ताल्पता के प्रबंधन पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला आज से कान्हा (मण्डला) में शुरू हुई। कार्यशाला में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह ने कहा कि एनीमिया की रोकथाम के लिए सुदूर ग्रामीण अंचलों में विशेष प्रयास की आवश्यकता है। इस अवसर पर विभिन्न राज्य से आये हुए मातृ स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी उपस्थित थे।

केन्द्रीय मंत्री श्री कुलस्ते ने प्रदेश में एनीमिया की रोकथाम और उपचार के लिये किये जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि सुदूर ग्रामीण अंचलों में निवास करने वाली महिलाओं के लिए विशेष रूप से प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा हर संभव संसाधन उपलब्ध करवाये जायेंगे। उन्होंने प्रदेश में एनीमिया की रोकथाम और उपचार के लिये किये जा रहे प्रयासों की प्रशंसा भी की।

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री रूस्तम सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश को असम, उड़ीसा और महाराष्ट्र राज्यों के अनुभवों का लाभ उठाते हुए प्रदेश में एनीमिया के प्रबंधन के लिए उन्नत रणनीति तैयार की जाना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने कार्यशाला में उपस्थित विशेषज्ञ चिकित्सकों से व्यक्तिगत चर्चा कर इस महत्वपूर्ण विषय पर उनके अनुभवों की जानकारी प्राप्त की।

कार्यशाला के उदघाटन सत्र को प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्रीमती गौरी सिंह तथा आयुक्त एकीकृत बाल विकास श्रीमती पुष्पलता सिंह ने भी संबोधित किया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक मध्यप्रदेश श्री व्ही. किरण गोपाल ने प्रदेश में एनीमिया के परिदृश्य, कारणों व प्रबंधन के लिये किये जा रहे प्रयासों पर प्रस्तुतिकरण दिया। मध्यप्रदेश में आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया के प्रबंधन के लिये तैयार की गई रणनीति की पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।

प्रथम दिवस के तकनीकी सत्रों में डॉ. सुमिता घोष तथा डॉ. शीला देब उपायुक्त, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत शासन तथा डॉ. सुतापा बंदोपाध्याय नियोगी, डॉ. उदय थानावाला, डॉ. विनीता दास, डॉ. राजकुमार, डॉ. अरूणा कुमार, डॉ. पूनम शिवकुमार तथा डॉ. मंजू छुगानी ने भाग लिया।

कार्यशाला द्वारा देश में गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की रोकथाम और उपचार के लिये स्वास्थ्य संस्थाओं तथा समुदाय के स्तर पर दी जाने वाली सेवाओं की रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी। इस रणनीति को विभिन्न राज्य अपनी आवश्यकता के अनुसार अपने कार्यक्रम का अंग बना सकेंगे।

कार्यशाला में आज
कान्हा में दो दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिन 18 फरवरी को विभिन्न विषय पर विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा जानकारी दी जायेगी। इनमें मुख्य रूप से हिमोग्लोबिन नापने की विधियाँ, गर्भावस्था में स्किलसेल एनीमिया, एबॉर्शन केयर और एनीमिया विषयों पर विशेषज्ञ जानकारी देंगे। अन्य प्रदेशों से आये विषय-विशेषज्ञ भी अपना प्रेजेन्टेशन देंगे।
सुनीता दुबे

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