पलनिसामी बनाम पन्नीरसेल्वम : कौन होगा तमिलनाडु का मुख्यमंत्री
चेन्नई। तमिलनाडु में नए मुख्यमंत्री के शपथग्रहण को लेकर सबकी निगाहें अब राज्यपाल सी विद्यासागर राव पर टिकी हैं। इससे पहले इदापड्डी के पलनिसामी और उनके विरोधी ओ पन्नीरसेल्वम दोनों ने राज्यपाल से मुलाकात कर अपने साथ अन्नाद्रमुक विधायकों का समर्थन होने की बात कही।
इससे पहले अन्नाद्रमुक विधायक दल के नेता पलनिसामी ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात कर अपने खेमे में पार्टी के 134 में से 124 विधायकों के समर्थन की बात कही। तमिलनाडु विधानसभा में 234 विधायक हैं।
ओ पन्नीरसेल्वम ने भी गवर्नर से मुलाकात की
इस बीच पन्नीरसेल्वम ने भी राज्यपाल से मुलाकात कर ‘बहुमत’ का दावा किया और बहुमत साबित करने का मौका दिए जाने की मांग की। पनीरसेल्वम के खेमे का दावा है कि अन्नाद्रमुक विधायकों को उनकी मर्जी के खिलाफ चेन्नई के बाहरी इलाके में एक रिसॉर्ट में रखा गया है।
दोनों का बहुमत का दावा
राज्यपाल ने अन्नाद्रमुक महासचिव वी के शशिकला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में फैसले के चलते अपना निर्णय लंबित रखा था। जिसके बाद उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुनाया और शशिकला की दोषसिद्धि और सजा को बरकरार रखा। इसके बाद उनके मुख्यमंत्री बनने की उम्मीदें समाप्त हो गयीं। इससे पहले तक वह इस पद की दावेदार थीं। कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम को जहां 10 से अधिक सांसदों और कुछ विधायकों का समर्थन मिला, वहीं शशिकला पार्टी के 134 में से अधिकतर विधायकों का समर्थन पाने में सफल रहीं।
सदन में विश्वास मत हासिल करेंगे : पन्नीरसेल्वम
पन्नीरसेल्वम के पास बहुत अधिक संख्या में विधायकों का समर्थन नहीं है लेकिन वह इस बात पर जोर दे रहे हैं कि अगर उन्हें कहा जाए तो वह सदन में विश्वास मत हासिल करेंगे।
अब राज्यपाल के फैसले का इंतजार
अब देखना यह है कि राज्यपाल मुख्यमंत्री पद के दोनों दावेदारों से शक्ति परीक्षण के लिए कहने की एजी की सलाह मानते हैं या पलानीस्वामी को सरकार बनाने का न्योता देते हैं।
शशिकला के सीएम बनने की उम्मीदें समाप्त
राज्यपाल ने AIADMK महासचिव वी. के. शशिकला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट फैसले के चलते अपना निर्णय लंबित रखा था। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को दोषी ठहराते हुए 4 साल कैद की सजा सुनाई, जिसके बाद शशिकला के सीएम बनने की उम्मीदें समाप्त हो गईं। इससे पहले तक वह सीएम पद की दावेदार थीं। बुधवार को शशिकला ने बेंगलुरु कोर्ट में सरेंडर कर दिया, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। जेल में वह अपनी बची हुई 3 साल 10 महीने और 27 दिन की सजा काटेंगी।