महाकाल मन्दिर में 16 फरवरी से शिवनवरात्रि प्रारम्भ
उज्जैन । श्री महाकालेश्वर मन्दिर में 16 फरवरी से शिवनवरात्रि प्रारम्भ होगी। महाशिवरात्रि पर्व शुक्रवार त्रयोदशी प्रदोष 24 फरवरी को मनाया जायेगा। इस दिन भगवान महाकाल का श्रृंगार कर उनको कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंडमाल, छत्र आदि से श्रृंगारित किया जायेगा। शिवनवरात्रि में अलग-अलग नौ दिन भगवान महाकाल को श्रृंगारित कर वस्त्र एवं आभूषण के साथ पूजन-अर्चन किया जायेगा। महाशिवरात्रि महोत्सव के रूप में मनाई जाती है। इससे पूर्व शिवनवरात्रि प्रारम्भ होती है और नवे दिन नवरात्र का समापन शिवरात्रि की महापूजा से होता है। अगले दिन भगवान महाकाल का विपुल फूलों से श्रृंगार किया जाता है, जिसे श्रद्धालु अगले दिन भगवान के सेहरे के दर्शन करते हैं।
श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री अवधेश शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि श्री महाकालेश्वर मन्दिर में 16 फरवरी से 24 फरवरी तक शिवनवरात्रि उत्सव मनाया जायेगा। प्रथम दिन 16 फरवरी को मन्दिर के नैवेद्य कक्ष में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का पूजन करने के साथ ही मन्दिर प्रबंध समिति द्वारा कोटितीर्थ कुण्ड के पास स्थापित कोटेश्वर महादेव एवं श्री महाकालेश्वर भगवान का पूजन कर नौ दिवसीय शिवनवरात्रि के पूजन का संकल्प लिया जायेगा। इसके साथ ही 11 ब्राह्मणों का पूजन कर उन्हें सोला प्रदान किया जायेगा। पं.घनश्याम शर्मा शासकीय पुजारी के आचार्यत्व में 11 ब्राह्मणों द्वारा श्री महाकालेश्वर भगवान का अभिषेक एकादश-एकादशमी रूद्रपाठ से किया जायेगा और शाम को पूजन के पश्चात बाबा श्री महाकाल को नवीन वस्त्र धारण करवाये जायेंगे। प्रथम दिन वस्त्र धारण करेंगे। शिवनवरात्रि में प्रतिदिन शाम को भगवान महाकाल को नवीन वस्त्र धारण कराये जायेंगे तथा नौ दिन तक बाबा महाकाल विभिन्न स्वरूपों में दर्शन देंगे, जैसे- शेषनाग, घटाटोप, छबीना, मनमहेश आदि स्वरूपों में बाबा महाकाल नौ दिन भक्तों को दर्शन देंगे।
शिवनवरात्रि में अलग-अलग श्रृंगार एवं वस्त्र आभूषण
श्री महाकालेश्वर मन्दिर में भगवान महाकाल को शिवनवरात्रि के दूसरे दिन 17 फरवरी को शेषनाग श्रृंगार, 18 फरवरी को घटाटोप श्रृंगार, 19 फरवरी को छबीना श्रृंगार, 20 फरवरी को होलकर श्रृंगार, 21 फरवरी को मनमहेश श्रृंगार, 22 फरवरी को उमा-मनमहेश श्रृंगार, 23 फरवरी को शिवतांडव श्रृंगार, 24 फरवरी को महाशिवरात्रि श्रृंगार, 25 फरवरी को सप्तधान श्रृंगार के साथ ही प्रतिदिन कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंडमाल, छत्र आदि वस्त्र एवं आभूषण पहनाये जायेंगे।
महाशिवरात्रि व्रत करने के लिये बेहद सरल उपाय
महाशिवरात्रि में व्रत करने वाले भक्त के लिये सरल उपाय इस प्रकार है- सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर पूजा के आसन पर बैठें। सर्वप्रथम पवित्रीकरण करें और आचमन करें। रूद्राक्ष धारण करके चन्दन या भस्म धारण करें। अगर अपने पास में शिवालय हो तो शिव के दर्शन कर आयें और बेलपत्र, पुष्प, दूध, गंध, दीप इत्यादि शिव को नैवेद्य करें, तत्पश्चात व्रत का संकल्प लें। भक्त ‘ओम नम: शिवाय की कम से कम 11 मालाएं’ करें। सोमवार की इस व्रत में रात्रि पूजा का ही विशेष महत्व है। व्रति पुरूष या महिला समयानुसार एवं अपनी शक्ति के अनुसार पूजा-अर्चना, जाप इत्यादि करें। व्रत के दौरान सिर्फ एक समय फलाहार करें। पानी पीने में कोई दोष नहीं है।