550 पौधे लगाने वाले स्व. जोहनलाल नामदेव को मरणोपरांत मिला पुरस्कार
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के पालन में प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. अनिमेष शुक्ला ने शहडोल के स्व. जोहनलाल नामदेव को उत्कृष्ट वृक्षारोपण के लिये पुरस्कृत किया। स्व. नामदेव ने विभिन्न प्रजाति के 1550 पौधे सार्वजनिक-स्थलों पर लगाकर गर्मी के मौसम में काँवर से सिंचाई कर इन पौधों को वृक्ष में तब्दील किया था। स्व. नामदेव की पत्नी श्रीमती इन्द्रवती को पुरस्कार-स्वरूप प्रशस्ति-पत्र और शील्ड भोपाल के दो-दिवसीय मुख्य वन संरक्षक सम्मेलन में प्रदान की गयी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शहडोल प्रवास के दौरान वृक्षारोपण के लिये श्री नामदेव के परिवार को भोपाल बुलाकर सम्मानित करने के निर्देश दिये थे।
सम्मेलन में विभाग की विभिन्न योजनाओं तथा कार्यक्रमों के क्रियान्वयन और विभिन्न कठिनाइयों पर चर्चा कर भविष्य की रणनीति तय की गयी।
सम्मेलन में बताया गया कि अखिल भारतीय वन्य-जीव आकलन वर्ष 2017-18 में किया जायेगा। इसके लिये राज्य को 7 खण्ड में बाँटकर शीघ्र ही वनकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। वन विभाग के तहत गठित एसटीएफ द्वारा संगठित वन्य-प्राणी अपराधों के अन्वेषण एवं अपराधियों की गिरफ्तारी को ध्यान में रखते हुए एसटीएफ को और अधिक सुदृढ़ करने का भी निर्णय लिया गया। ईको-पर्यटन को विकसित करने के लिये क्षमता विकास पर विशेष ध्यान दिया जायेगा।
दीनदयाल वनांचल सेवा की संयुक्त समीक्षा
दो-दिवसीय सम्मेलन में आज प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्रीमती गौरी सिंह, प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास श्री जे.एन. कंसोटिया की उपस्थिति में प्रदेश में दीनदयाल वनांचल सेवा में किये जा रहे कार्यों की भी समीक्षा की गयी। इसमें अब तक 274 प्रशिक्षण शिविरों में 8500 वनकर्मी को प्रशिक्षित किया गया है। इसी तरह 401 स्वास्थ्य शिविर में लगभग 37 हजार वनवासियों को लाभान्वित किया गया है। वन विभाग संबंधित विभागों के साथ दूरस्थ वनांचलों में गाँव चिन्हित कर आईएमआर तथा एमएमआर, टीकाकरण, कुपोषण, स्कूलों में विद्यार्थियों का दाखिला, गर्भवती महिलाओं की नियमित जाँच तथा पोषण-वाटिका के निर्माण में मदद करेगा। आयुक्त आईसीडीएस श्रीमती पुष्पलता सिंह, मिशन डायरेक्टर राजीव गांधी शिक्षा मिशन श्रीमती दीप्ति गौड़ मुखर्जी, संचालक स्वास्थ्य डॉ. के.एल. साहू भी मौजूद थे।
संकटापन्न प्रजातियों के पौधे तैयार होंगे
सम्मेलन में बताया गया कि प्रदेश की 25 रोपणी में संकटापन्न प्रजातियों के पौधे तैयार कर इनकी संख्या बढ़ाने के प्रयास किये जायेंगे। विभागीय रोपण कार्यों में वन समितियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित होगी। जन-समुदाय केन्द्रित गतिविधियों के विस्तार के लिये 70 प्र-संस्करण केन्द्र को अधिक उपयोगी बनाया जायेगा। लघु वनोपज संघ द्वारा किये जा रहे अधोसंरचना कार्यों का विस्तार संरक्षित क्षेत्रों और वन विकास निगम के क्षेत्रों में भी किया जायेगा।
सम्मेलन में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) श्री जितेन्द्र अग्रवाल, प्रबंध संचालक वन विकास निगम श्री रवि श्रीवास्तव, प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ श्री जव्वाद हसन सहित सभी वन वृत्त से आये हुए मुख्य वन संरक्षक और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। संचालन अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री रमेश कुमार गुप्ता ने किया।
सुनीता दुबे