प्रदेश के 16 जिलों में 22 हजार 300 हेक्टेयर भूमि उद्यानिकी फसलों के लिये चयनित
उज्जैन री। प्रदेश में किसानों की आमदनी वर्ष 2022 तक प्रति हेक्टेयर दोगुनी करने के मकसद से नर्मदा नदी के दोनों तटों पर एक-एक किलोमीटर की पट्टी तक निजी भूमि पर फल पौध-रोपण की योजना 16 जिलों में शुरू की गयी है।
योजना के पहले साल वर्ष 2016-17 में 5000 हेक्टेयर में फलदार पौध-रोपण का कार्यक्रम तैयार किया गया है। प्रदेश के 16 जिलों में नर्मदा नदी के तट के दोनों ओर 24 हजार 341 किसान के खेतों में 22 हजार 300 हेक्टेयर भूमि का चयन उद्यानिकी फसलों के लिये किया गया है। जनवरी-2017 तक 5540 किसान ने वचन-पत्र भरकर 3062 हेक्टेयर में उच्च गुणवत्ता के फल पौधों का रोपण कर दिया है। इनमें आम, अमरूद, संतरा, मौसंबी, सीताफल, बेर, चीकू, अनार प्रमुख हैं। उद्यानिकी फसलों की इस योजना में सभी वर्ग के हितग्राही को फल पौध-रोपण होने से पहले तीन वर्ष तक ली जाने वाली परम्परागत खाद्यान्न फसलों के एवज में 20 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से वित्तीय सहायता भी दी जा रही है।