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गंभीर बीमारियों के लिए अब इंदौर या अन्य शहर भागने की जरूरत नहीं



उज्जैन। गंभीर बीमारियों के लिए अब इंदौर या शहर के बाहर भागने की जरूरत नहीं। अब इन बीमारियों का इलाज और पेचीदा ऑपरेशन भी उज्जैन में हो रहे हैं। गंभीर मरीजों को रैफर के दौरान अपनी जिंदगी अब नहीं गंवानी होगी। ऐसे ही तीन मरीजों को उज्जैन में जीवनदान मिला।

ब्यावरा निवासी केसरबाई उम्र 65 वर्ष 6 माह से पेट दर्द से पीड़ित थी। काफी इलाज के बाद जांच में पता चला कि केसरबाई को कैंसर की बीमारी है तथा उसे चिकित्सकों ने इंदौर जाकर इलाज कराने की सलाह दी। मरीज के परिजनों ने उसे उज्जैन के गुरूनानक अस्पताल में डॉ. उमेश जेठवानी को दिखाया। डॉ. जेठवानी ने मरीज का ऑपरेशन उज्जैन में ही किया और मरीज अब स्वस्थ है और सामान्य जीवन जीने को तैयार है। इसी प्रकार सुसनेर निवासी शहाना उम्र 20 वर्ष की डिलेवरी डेढ़ माह पूर्व हुई थी। मरीज को प्रसव के 15 दिन बाद रेक्टोवेजानल फिश्चुला हो गया तथा शरीर में जहर फैल गया। मरीज के परिजन ने उसका इलाज मेडिकल कॉलेज कोटा में कराया। 15 दिन बाद भी जब मरीज की हालत में सुधार नहीं हुआ तो मरीज के परिजन उसे डॉ. जेठवानी को दिखाने लाए। डॉ. जेठवानी ने मरीज का ऑपरेशन दूरबीन पध्दति से किया। ऑपरेशन सफल हुआ और अब वह स्वस्थ है। वहीं कनासिया निवासी नीतू वर्मा उम्र 32 वर्ष घर में ही जल गई थी जिसके कारण 60 प्रतिशत झुलस गई थी तथा उसकी स्थिति गंभीर थी। मरीज के परिजन उसे लेकर डॉ. जेठवानी के पास आए। मरीज का रेग्युलर डीब्राइडमेंट किया गया तथा इंटेनसिव केयर यूनिट में इलाज किया गया। अब मरीज स्वस्थ है। अभी तक इस तरह के मरीजों को इंदौर तथा बड़े कॉर्पोरेट अस्पताल में ही इलाज के लिए रैफर किया जाता था।

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