7 मार्च को होने वाले दिव्यांग जोड़ों के सफल विवाह आयोजन हेतु कलेक्टर ने ली बैठक
उज्जैन । आगामी 7 मार्च को उज्जैन में दिव्यांग जोड़ों का बड़ा वैवाहिक आयोजन होने जा रहा है। इसमें कम से कम 101 दिव्यांग जोड़ों का विवाह होना तय है। इसके लिये कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने शुक्रवार को भी एक और बैठक ली। बताया गया कि दिव्यांग जोड़ों के विवाह पश्चात उनके सुरक्षित एवं बेहतर भविष्य के लिये प्रशासन द्वारा शासन की योजनाओं के कई लाभ और सहूलियतें देने की तैयारी की जा रही है। कलेक्टर ने बैठक में जिले के विभिन्न क्षेत्रों में की जा रही दिव्यांग जोड़ों के विवाह सम्बन्धी कार्यवाही की समीक्षा की।
बैठक में बताया गया कि जो दिव्यांग जोड़े 7 मार्च को वैवाहिक बन्धन में बंधेंगे, उनके लिये शुरूआत से लेकर आगे तक कई योजनाओं में लाभान्वित किये जाने के लिये योजना तैयार की जा रही है। डूडा के अधिकारी को विशेष रूप से इस कार्य के लिये नियुक्त किया गया है। वे देखेंगे कि किस दिव्यांग जोड़े को क्या आवश्यकता है, उसका बेकग्राउण्ड क्या है, उसे किस प्रकार की जरूरत है और उसकी पूर्ति किस योजना से की जा सकती है। कलेक्टर ने कहा कि अगर किसी जोड़े के पास आवास नहीं है तो प्रधानमंत्री अथवा मुख्यमंत्री आवास योजनाओं से आवास उपलब्ध करवाया जायेगा। वधू को उज्ज्वला योजना से रसोई गैस किट उपलब्ध कराया जायेगा। नि:शक्त पेंशन भी मिलेगी। दिव्यांगों को विवाह के दौरान लाखों रूपये के लाभ मिलने जा रहे हैं। शासन की योजनाओं के अलावा व्यक्तियों, संगठनों और सामाजिक संस्थाओं द्वारा भी नगद अथवा उपहार देने की घोषणाएं की जा रही हैं। दिव्यांगों को पांच लाख रूपये का बीमा कवर भी मिलेगा। प्रधानमंत्री बीमा योजना व जीवन ज्योति बीमा योजना के दो-दो लाख रूपये के बीमा कवर मिलेंगे। इसके अलावा रूपे डेबिट कार्ड उन्हें दिया जायेगा। इस कार्ड पर एक लाख रूपये का बीमा होता है। यदि कोई खेती करता है तो उसे बीज, उपकरण, विभिन्न कृषि योजनाओं के अनुदान आदि से लाभान्वित किया जायेगा। अगर कोई दिव्यांग घर बैठे कार्य कर सकता है, तो देखा जायेगा कि उसे किस योजना से किस प्रकार का व्यवसाय करवाया जाये। दिव्यांगों के बैंक खाते भी खोले जायेंगे। उनके आधार कार्ड बनवाये जायेंगे। यदि कोई दिव्यांग किसी संक्रमण अथवा किसी अन्य बीमारी से पीड़ित है तो राज्य बीमारी सहायता निधि अथवा मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से मदद दिलवा कर नि:शुल्क उपचार करायेंगे।
शुक्रवार को मेला कार्यालय में आयोजित बैठक में कलेक्टर ने इस बात पर जोर दिया कि जो दिव्यांग जोड़े विवाह के लिये बन गये हैं, उनका सतत फालोअप लिया जाये। उनकी लगातार काउंसलिंग की जाये। बताया गया कि प्रत्येक दिव्यांग के साथ एक काउंसलर नियुक्त किया गया है, जो वर-वधू को लगातार समझाईश व मार्गदर्शन देगा। उनकी हौसला अफज़ाई और बेहतर भविष्य के लिये दिशा प्रशस्त करेगा। दिव्यांग जोड़ों को मुख्यमंत्री कन्यादान एवं नि:शक्त विवाह योजनाओं का लाभ मिलेगा। अन्तर्जातीय होने पर शासन की अन्तर्जातीय विवाह योजना का लाभ भी विवाह उपरान्त दिया जायेगा। बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिये कि जिले में ज्यादा से ज्यादा दिव्यांग जोड़ों को चिन्हांकित कर विवाह के लिये आगे लाया जाये।
16 फरवरी को दिव्यांग जोड़े उज्जैन आयेंगे
बैठक में कलेक्टर ने बताया कि आगामी 16 फरवरी को वे सभी दिव्यांग जोड़े उज्जैन आयेंगे, जो 7 मार्च के वैवाहिक आयोजन में विवाह के बन्धन में बंधने जा रहे हैं। 16 फरवरी को इन जोड़ों के सम्बन्ध में फाईल वर्क पूर्ण किया जायेगा। इनकी जानकारियां अपडेट की जायेंगी। इसके अलावा अन्य सभी आवश्यक कार्यवाहियां पूर्ण की जायेंगी। इस बैठक में डिप्टी कलेक्टर शैली कनास, महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री रजनीश सिन्हा, महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री साबिर एहमद सिद्धिकी, सेवाधाम के श्री सुधीरभाई गोयल के अलावा महिला बाल विकास का मैदानी अमला, सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी, कर्मचारी तथा समाज से जुड़े लोग उपस्थित थे।