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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उद्यानिकी विभाग को दिए निर्देश, देवास में “मॉडल आलू क्ल्टर”, शाजापुर में सेंटर ऑफ एक्सैलेंस



उज्जैन । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि उद्यानिकी फसलों में माइक्रो इरिगेशन का क्षेत्र बढ़ाने की कार्य-योजना बनायें। नर्मदा नदी के दोनों तट पर एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फलदार वृक्ष लगाने का कार्य प्राथमिकता से करें। सब्जी क्षेत्र विस्तार के लिए माँग और आपूर्ति के अनुसार इस तरह योजना बनायें जिससे किसानों को नुकसान नहीं हो। 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ‘कांन्ट्रेक्ट फार्मिंग’ को प्रोत्साहित करें जिससे बाजार में उद्यानिकी फसलों के मूल्यों में होने वाले उतार-चढ़ाव से किसानों को नुकसान नहीं हो। उद्यानिकी फसलों में खाद्य प्र-संस्करण को बढ़ावा देने के प्रयास करें। जिन उद्यानिकी फसलों की देश-विदेश में माँग हो और बाजार में संभावनाएँ हो, उन फसलों का उत्पादन बढ़ाने की रणनीति बनायें। उद्यानिकी फसलों में ड्रिप और स्प्रिंकलर पद्धति को प्रोत्साहित करें। विभागीय अमले के प्रशिक्षण की बेहतर व्यवस्था करें।

उद्यानिकी विभाग में सभी स्वीकृतियाँ ऑनलाईन की जा रही हैं, जिन्हें विभागीय पोर्टल पर कोई भी देख सकता है। विभाग द्वारा 2490 गाँव को शामिल कर फल रूट तथा क्लस्टर निर्माण किये गये हैं। समस्त योजनाओं में अनुदान का भुगतान हितग्राही के बैंक खाते में सीधे जमा हो रहा है। विभिन्न योजनाओं में 7753 हितग्राही को सफल प्रक्षेत्रों का भ्रमण कराया गया है। विभाग द्वारा 5 मॉडल क्लस्टर विकसित किये गये हैं। इनमें शिवपुरी जिले में टमाटर, छिंदवाड़ा में सब्जी, इंदौर जिले में आलू एवं गाजर तथा देवास जिले में आलू का क्लस्टर विकसित किया गया  है।  नर्मदा  के दोनों तटों से एक-एक किलोमीटर निजी भूमि में फलोद्यान विकास की योजना बनाई गई है। किसानों को तकनीकी सलाह देने के लिए 22 विशेषज्ञ को सूचीबद्ध किया गया है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में 41 हजार 713 हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई की व्यवस्था की गई है। फसलोत्तर प्रबंधन में जारी वित्तीय वर्ष में 8120 प्याज भंडार गृह और 70 शीत गृह निर्माण किए गए हैं। नींबू वर्गीय फलों के लिए शाजापुर जिले में सेंटर ऑफ एक्सैलेंस तथा फ्लोरीकल्चर के लिए सीहोर जिले में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्वीकृत हुआ है।

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