किसान के भुगतान में कोताही करने पर व्यापारियों का लाइसेंस होगा निलंबित
पांच हजार तक की उपज लाने पर पूरा भुगतान नकद
मंडी में पांच हजार तक की उपज लाने पर पूरा भुगतान नकद किय जाएगा। इससे ज्यादा पर एनईएफटी या आईटीजीएस होगा। हाल ही में समिति ने निर्णय लिया था कि फुटकर उपज लाने वाले किसानों को दो हजार और वाहनों में लेकर आने वालों को पांच हजार नकद दिए जाएंगे। इसी निर्णय में संशोधन कर अब फुटकर किसान (पांच हजार तक मूल्य की उपज) को पूरा भुगतान नकद में मिलेगा। उपाध्यक्ष शेरू पटेल ने बताया कैशलेस मंडी के बाद किसान रोज नकद भुगतान का आग्रह लेकर आ रहे थे। उन्होंने मंडी बैठक के साथ संभागायुक्त के सामने भी यह मांग रखी थी लेकिन उस दौरान एक भी रुपए कैश नहीं देने का नियम होने के कारण यह संभव नहीं हो पाया।
उज्जैन
किसान को कृषि उपज के भुगतान में कोताही व्यापारियों को भारी पड़ सकती है। ऐसा करने वालों की खरीदी-बिक्री बंद कर लाइसेंस निलंबित भी किए जाएंगे। वर्तमान में उपज भुगतान कहीं चेक से तो कहीं आरटीजीएस से हो रहा है लेकिन इसमें लेट लतीफी नंबर इधर-उधर किए जाने से किसानों को भुगतान के लिए बैंक के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
मंडी अध्यक्ष बहादुरसिंह बोरमुंडला ने संचालक शोभाराम और मंडी निरीक्षक महेश शर्मा के साथ सोमवार को भुगतान के संबंध में चर्चा की। उन्होंने पांच व्यापारिक फर्माें का जायजा भी लिया। उन्होंने व्यापारियों से 100 फीसदी आरटीजीएस और एनईएफटी करने की बात कही। इसके लिए किसानों से पासबुक साथ में लाने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि पासबुक लाने से अाईएफएससी कोड सही मिल जाता है। व्यापारियों ने कहा कि किसान पासबुक नहीं लाने इस कारण भुगतान में देरी होती है या भुगतान अटक जाता है। अनाज तिलहन व्यवसायी संघ के संचालक राजेश हरभजनका ने बताया दो लाख से कम एनईएफटी और दो लाख से ज्यादा आरटीजीएस से भुगतान किया जाता है लेकिन किसान पासबुक नहीं लाते और लेकर भी आए तो अधिकत्तर में आईएफएससी नंबर नहीं होता।
भुगतान की शिकायत आने पर करेंगे कार्रवाई
किसानों की ओर से भुगतान को लेकर कोई शिकायत आई तो समिति उसकी जांच कराएगी। व्यापारी दोषी पाए गए तो उनकी खरीदी-बिक्री उसी दिन रोक दी जाएगी और लाइसेंस निलंबित करने की कार्रवाई होगी। बहादुरसिंह बोरमुंडला, मंडी अध्यक्ष