विक्रम यूनिवर्सिटी में होने वाले दीक्षांत समारोह के पहले की गई रिहर्सल
विक्रम यूनिवर्सिटी में मंगलवार को होने वाले दीक्षांत समारोह में अब दीक्षार्थियों को व्यक्तिगत रूप से ही उपाधियां व गोल्ड मैडल दिए जाएंगे। सोमवार को छह बार हुई रिहर्सल के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। समारोह में एक मिनट में आैसत 18 दीक्षार्थियों को उपाधियां दी जाएंगी। 15 मिनट में ही सभी 260 दीक्षार्थियों को उपाधियां मिल सकेंगी, जिससे डेढ़ घंटे में ही समारोह पूरा हो सकेगा। मंगलवार सुबह 11.30 बजे से शुरू होने वाले दीक्षांत समारोह से पहले भी दीक्षार्थियों की एक रिहर्सल होगी।
राजभवन से डेढ़ घंटे का समय ही समारोह के लिए मिला है। 11.40 से 1 बजे तक समारोह में कुलाधिपति व राज्यपाल ओपी कोहली उपस्थित रहेंगे। समय की कमी के कारण यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आधा घंटा अतिरिक्त समय देने के लिए राजभवन को पत्र भी भेजा है लेकिन सोमवार शाम तक भी कोई जवाब नहीं आया है। पहले फैकल्टी समूह के आधार पर उपाधियां व मैडल देने का निर्णय लिया गया था लेकिन दीक्षार्थियों के विरोध के बाद सोमवार को छह बार रिहर्सल करवा कर व्यक्तिगत रूप से उपाधियां व मैडल देने का निर्णय लिया गया। सुबह हुई रिहर्सल में प्रति मिनट 25 से 28 दीक्षार्थियों को उपाधियां देकर अभ्यास करवाया गया। इसके बाद हर अभ्यास में इस संख्या को कम करके घटाया गया। जिससे शाम 6 बजे तक हुई अंतिम रिहर्सल में प्रति मिनट आैसत 18 दीक्षार्थियों को उपाधियां मिलीं। अब व्यक्तिगत रूप से ही उपाधियां व मैडल दिए जाएंगे।
डमी कुलाधिपति के उपाधियां देते ही शुरू हो गई नारेबाजी
सोमवार सुबह रिहर्सल के दौरान डमी कुलाधिपति बने डॉ. राजेश्वर शास्त्री मुसलगांवकर ने स्थान ग्रहण किया। उपाधियों का वितरण शुरू होते ही नारेबाजी आैर हंगामा शुरू हो गया। डॉ. प्रकाश चौबे, डॉ. जगदीश मासौदकर, डॉ. धुर्वेंद्र सिंह सहित कुछ पीएचडी धारकों ने विरोध किया कि उन्हें समूह में उपाधियां नहीं चाहिए। यह भी आरोप लगाए कि जो उपाधियां दी जा रही हैं, वह अन्य प्रदेशों में मान्य नहीं की जा रहीं। 15 मिनट तक नारेबाजी व हंगामा चला।
दीक्षांत गाउन का बहिष्कार,
भारतीय वेशभूषा में लेंगे उपाधि
दीक्षांत समारोह में पहने जाने वाली दीक्षांत गाउन को लेकर भी विरोध हुआ है। सोश्योलॉजी में पीएचडी करने वाली पार्षद व एमआईसी सदस्य डॉ. योगेश्वरी राठौर का कहना है कि वह भारतीय वेशभूषा में ही उपाधि लेंगी। अगर इसकी अनुमति नहीं मिली तो वह बहिष्कार करेंगी। वहीं बिजनेस मैनेजमेंट में पीएचडी करने वाले डॉ. केपी झाला ने बताया कि वह भी पारंपरिक भारतीय पोशाक में ही उपाधि लेने जाएंगे।
केंद्रीय राज्यमंत्री पांडेय नहीं आएंगे उच्च शिक्षा मंत्री देंगे दीक्षांत भाषण
पहले केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय को मुख्य अतिथि बनाया था। डॉ. पांडेय ही दीक्षांत भाषण देने वाले थे लेकिन चुनावी व्यस्तता से उन्होंने आने से इंकार कर दिया। अब उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया मुख्य अतिथि होंगे आैर वही दीक्षांत भाषण भी देंगे। इधर विशिष्ट अतिथि बनाए ऊर्जा मंत्री पारस जैन केबिनेट बैठक होने से व सांसद डॉ. चिंतामणि मालवीय संसदीय सदन में शामिल होने के कारण समारोह में शामिल नहीं हो सकेंगे।
दीक्षांत गाउन पहनकर रिहर्सल से पहले दीक्षार्थी ग्रुप बनाकर एकत्रित हुए आैर सेल्फी भी ली। इनसेट में दीक्षांत वेशभूषा में दीक्षार्थियों को डमी कुलपति के रूप में डॉ. एसके मिश्रा ने इस तरह उपाधियां देकर समारोह का अभ्यास करवाया।
मोबाइल पर रहेगा प्रतिबंध, नहीं ले पाएंगे सेल्फी
समारोह के दौरान कार्यक्रम स्थल पर मोबाइल चलाना प्रतिबंधित रहेगा। राजभवन से इस संबंध में यूनिवर्सिटी प्रशासन को विशेष रूप से निर्देश दिए गए हैं। उपाधियां व मैडल पाने वाले सभी दीक्षार्थियों को मोबाइल बाहर रखकर आना होगा या मोबाइल को बंद रखना होगा। कार्यक्रम के दौरान वह मोबाइल का उपयोग नहीं कर सकेंगे। सेल्फी या तस्वीर भी नहीं ले सकेंगे। समारोह स्थल पर उपस्थित रहने वाले अन्य प्रोफेसर्स, शिक्षक-कर्मचारियों के लिए भी मोबाइल का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा।
कलेक्टर और एसपी ने किया निरीक्षण
दीक्षांत समारोह की तैयारियों को लेकर सोमवार दोपहर 3.30 बजे कलेक्टर संकेत भोंडवे एवं एसपी एमएस वर्मा सहित प्रशासन व पुलिस के आला अधिकारियों ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने यह भी निर्देश दिए कि राज्यपाल के वाहन मंच के पास तक आएगा, इसके लिए स्थान बनाए रखें।