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कलशयात्रा के साथ प्रारंभ हुई संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा



उज्जैन। हरसिध्दि चौराहा स्थित बैकुंठ धाम में रविवार से संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा प्रारंभ हुई। कथा प्रारंभ होने के पूर्व कलश यात्रा निकाली गई जिसमें महिलाओं ने अपने सिर पर कलश धारण कर 1008 महामंडलेश्वर यशोदानंदन महाराज एवं श्रीमद् भागवत की अगवानी की। 

यात्रा के वैकुंठधाम हरसिध्दि मंदिर पहुंचने पर महाकाल के पुजारी कैलाश नारायण शर्मा, मनोज व्यास, राम व्यास, संजय व्यास ने मुख्य यजमान शिवशंकर डुमेले से सपत्निक पूजन करवा कर भागवत प्रारंभ करने का अनुरोध किया। व्यासपीठ पर विराजित यशोदानंदन महाराज का अभिनंदन डॉ. वी.के. सिंह, अशोक मंगल, उदयसिंह, जुगलकिशोर, सत्यपाल राजपूत, जगदीश भट्ट, कैलाश, सुंदरसिंह, सुरेश आदि ने किया। संचालन पूर्व पार्षद जगदीश पांचाल ने किया एवं आभार मुख्य यजमान शिवशंकर डिमोले ने माना। पं. मनोज व्यास के अनुसार कथा 11 फरवरी तक प्रतिदिन दोपहर 1 से शाम 4 बजे तक होगी।
 
उज्जैन नगरी में भागवत करना सौभाग्य की बात-यशोदानंदन
कथा के प्रारंभ में यशोदानंदन महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की इस शिक्षा स्थली और बाबा महाकाल की नगरी में भागवत करने का सौभाग्य प्राप्त होना ईश्वर की अनुकंपा से कम नहीं। उज्जैनी वह नगरी है जहां भगवान कृष्ण ने विद्या प्राप्त की और यही गंगा भगवान कृष्ण ने कुरूक्षेत्र में बहाई। जो आज पूरे विश्व की आराध्य ग्रंथ है वही ग्रंथ आज समाज का पद प्रदर्शन कर रहा है। भागवत मनुष्य के भूत, भविष्य और वर्तमान सभी को संवारती है। मनुष्य को पूर्णत्व के लिए पहले श्रवण करना और फिर व्यवहार में ग्रहण करना ही शाश्वतता है। बड़े भाग्य से मनुष्य तन पाया है इसलिए अपने मानव होने का श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिये।  

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