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प्रदेश में छह नये मिशन बनेंगे, शासन ने लिया निर्णय



उज्जैन । शासन ने प्रदेश में 6 नये मिशन बनाने का निर्णय लिया है। इनमें सूक्ष्म सिंचाई, कृषि वानिकी, युवा सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, आवास और नर्मदा सेवा मिशन शामिल हैं।
सूक्ष्म सिंचाई मिशन में सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं को प्रोत्साहित किया जायेगा। मिशन में जल-संसाधन, नर्मदा घाटी विकास और कृषि उद्यानिकी विभाग समन्वित रूप से प्रयास कर सूक्ष्म सिंचाई रकबे में बढ़ोत्तरी करेंगे। प्रदेश में सूक्ष्म सिंचाई क्षमता 75 हजार हेक्टेयर प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 4 से 5 लाख हेक्टेयर प्रतिवर्ष करने का लक्ष्य प्रस्तावित है।

कृषि वानिकी मिशन में कृषकों की आय को दोगुनी करने के लिये कृषि वानिकी को बढ़ावा दिया जायेगा। मिशन में कृषि, उद्यानिकी और वन विभाग समन्वय से कार्य करेंगे। कृषि वानिकी में कम निवेश में अधिक लाभ की संभावना है।

युवा सशक्तिकरण मिशन के जरिये युवाओं का कौशल विकास कर रोजगार से जोड़ने के प्रयास होंगे। इस कार्य में उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, वाणिज्य-उद्योग और रोजगार, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग समन्वित प्रयास करेंगे।

स्वास्थ्य मिशन में अगले पाँच वर्ष में शिशु एवं मातृ मृत्यु दर को आधा करने का प्रयास किया जायेगा। मिशन में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, आयुष और महिला-बाल विकास विभाग मिलकर काम करेंगे।

आवास मिशन में वर्ष 2022 तक सभी आवासहीन को रियायती दर पर भू-खण्ड एवं आवास उपलब्ध करवाये जायेंगे। मिशन में ग्रामीण विकास, नगरीय विकास और आवास तथा राजस्व विभाग संयुक्त भागीदारी से काम करेंगे।

नर्मदा सेवा मिशन के जरिये वृक्षारोपण, सीवरेज के पानी का उचित निपटारा करने, घाटों का शुद्धिकरण, सफाई व्यवस्था जैसे कार्य व्यापक पैमाने पर किये जायेंगे। इस कार्य में ग्रामीण विकास, नगरीय विकास एवं आवास, उद्यानिकी और वन विभाग संयुक्त रूप से काम करेंगे।

प्रदेश के बच्चों, किशोरियों एवं महिलाओं में व्याप्त रक्ताल्पता एनीमिया की रोकथाम के लिये लालिमा योजना आगामी अप्रैल माह से शुरू की जा रही है। इसके लिये जिलेवार कार्य-योजना तैयार कर ली गयी है। योजना के माध्यम से बच्चों, किशोरियों एवं महिलाओं के रक्त की जाँच कर एनीमिया पाये जाने पर उनका उपचार किया जायेगा।

अनुसूचित जाति एवं जनजाति के ऐसे प्रतिभावान बच्चे जिनका चयन राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश के लिये हुआ है उनकी फीस की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा वहन की जा रही है। छात्रावासों में नये प्रयोग किये जा रही है। अब कमरों में 2 से 3 बच्चों को रखने के प्रयास किये जा रहे हैं। इन्हें अत्याधुनिक सुविधाएँ देने की व्यवस्था की जा रही है। सर्व-सुविधायुक्त 750 नये छात्रावास बनाये जा रहे हैं। इससे बच्चों को सुविधाएँ मिलेंगी और शैक्षणिक-स्तर में सुधार आयेगा। अनुसूचित-जनजाति के 200 तथा अनुसूचित-जाति के 343 विद्यार्थी का चयन आईआईटी, एनआईटी, चिकित्सा शिक्षा तथा एनएलआईयू जैसे प्रतिष्ठित पाठ्यक्रम के लिये हुआ है। यह राज्य शासन के प्रयासों का सुपरिणाम है।

आईआईटी, एनआईटी, चिकित्सा शिक्षा और एनएलआईयू जैसे प्रतिष्ठित पाठ्यक्रम में चयन होने पर मेधावी बच्चों की फीस राज्य सरकार भरेगी। इसके लिये 12 लाख रुपये प्रतिवर्ष तक की आय वाले पालकों के बच्चों को लाभ मिलेगा।

स्वच्छता अभियान में 01 मई से पॉलीथिन की थैलियों पर प्रतिबंध रहेगा। सभी तरह की पॉलीथिन थैलियों पर प्रतिबंध रहेगा। इस संबंध में जन-सामान्य को जागरूक बनाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। उन्होंने नर्मदा जल में सीवेज का पानी न मिले, इसके पुख्ता इंतजाम किये जायेंगे। नर्मदा किनारे के शहरों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का काम तेजी से चल रहा है।

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