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अगले दो दिन उज्जैन में फूलों की बात चलेगी, पुष्प प्रदर्शनी एवं संगोष्ठी का उद्घाटन हुआ



उज्जैन । चार फरवरी एवं 5 फरवरी को अगले दो दिनों में उज्जैन में फूलों की बात चलेगी। देशी सेवन्ती, गेंदा और गुलाब जहां लोगों का मन मोहेंगे, वहीं विदेशी डच गुलाब, टी कट फ्लावर, मिनी कट फ्लावर, फ्लोरिबंडा, हेलीपोनिया बिहाई, ऑर्किट, केला लीली, हाइपेरिकम बेरी, केम्बेडियम आर्किट, हेलीकोनिया एंगोटा, एंथोरियम, लीली, ग्लेडूलाई और गुलाब ग्लेडिएटर सहज अपनी ओर आकर्षित करेंगे। इन सब फूलों के साथ मौसमी फूलों की बहार विक्रम कीर्ति मन्दिर परिसर में फिंजा में अपनी खुशबू बिखेरेगी।

प्रदर्शनी में प्रदर्शित किये गये विदेशी फूल ग्लेडियोलस सुन्दर स्पाइक्स के कारण बागवानी के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण फूल है। यह सफेद, गुलाबी, बैंगनी एवं लाल रंग में पाया जाता है। शानदार रंग एवं आकर्षक आकार उत्कृष्ट गुणवत्ता के कारण इसे बगीचे में सजावट के लिये एक आदर्श फूल माना जाता है। इसके विभिन्न प्रकारों का अवलोकन प्रदर्शनी में किया जा सकता है। यह फूल कट फ्लावर में शादियों में सजावट व गुलदस्ते बनाने के लिये उपयोग किया जाता है।

विदेश से आये लिलीयम या लिली के फूलों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है। यह फूल अपनी सुन्दरता व आकृति के कारण विख्यात है। इसमें अन्तस्थ फूल गुच्छ लगता है। इसकी सौ से अधिक प्रजातियां होती हैं, इनमें से कुछ का प्रदर्शन किया गया है। लिली के फूल न केवल घर के बगीचे को बल्कि एक अकेले वास को भी सुशोभित करते हैं। इसी तरह एंथुरियम फूल का प्रदर्शन भी किया गया है। इस फूल का आकार आकर्षक होने के कारण कट फ्लावर के रूप में यह बहुत ही लोकप्रिय है। इस फूल का उत्पत्ति स्थान उष्णकटिबंधीय अमेरिका है। एंथुरियम नासा की स्वच्छ वायु अध्ययन में सूचीबद्ध पौधों में से एक है। घरों में एंथुरियम को सजावट के पौधे के रूप में लगाया जा सकता है।
तीन दिन चलने वाली पुष्प प्रदर्शनी का आज विक्रम कीर्ति मन्दिर में उद्घाटन किया गया। उद्घाटन अवसर पर विधायक डॉ.मोहन यादव, विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री जगदीश अग्रवाल, श्री श्याम बंसल, सीसीएफ श्री अन्नागिरी, कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे, जिला पंचायत के उपाध्यक्ष श्री भरत पोरवाल, उद्यानिकी विभाग के अपर संचालक श्री एके खरे, संयुक्त संचालक श्री एसएन नागर, उप संचालक कृषि श्री आरके शर्मा एवं उप संचालक उद्यानिकी श्री पीएस कनेल, बड़ी संख्या में किसान एवं जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

उद्घाटन अवसर पर सम्बोधित करते हुए विधायक डॉ.मोहन यादव ने कहा कि प्राकृतिक रूप से फूल अपनी खुशबू से जीवन में उमंग भर देता है। किसानों को अब परम्परागत कृषि के साथ-साथ अपनी आय को बढ़ाने के लिये उद्यानिकी की ओर आगे बढ़ना होगा और इसमें फूलों की खेती सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने निनौरा के किसानों का जिक्र करते हुए कहा कि निनौरा में लगभग 30 कृषक फूलों की खेती कर रहे हैं और इनकी खुद की नर्सरी भी है। डॉ.यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश कृषि के क्षेत्र में लगातार तीन वर्षों से कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त कर रहा है।

उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री जगदीश अग्रवाल ने कहा कि मालवा क्षेत्र में विगत 15-20 वर्षों में जलवायु परिवर्तन हुआ है और इसी के अनुसार फसल चक्र में परिवर्तन होता है। फिलहाल भी मालवा परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है और इस परिवर्तन में उद्यानिकी और फूलों की खेती भविष्य में महत्वपूर्ण साबित होगी।

कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने कहा कि आज से लेकर 5 फरवरी तक पुष्प प्रदर्शनी एवं संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। किसानों के लिये कृषि को लाभ का धंधा बनाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। इस संगोष्ठी में 500 किसानों को देशी एवं विदेशी फूलों की खेती के बारे में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विशिष्ट जानकारी प्रदान की जायेगी। इसी के साथ प्रदर्शनी में आये हुए फूलों के सेम्पलों को पुरस्कार प्रदान किया जायेगा। कलेक्टर ने कहा कि यहां प्रदर्शित कट फ्लावर का एक फूल 500 रूपये का होता है। किसानों को यह जानकारी भी दी जायेगी कि एक फूल को 20 दिन तक कैसे सुरक्षित रखा जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में आये हुए फूलों में से एक फूल को ‘किंग ऑफ द शो’ और दूसरे को ‘क्वीन ऑफ द शो’ का पुरस्कार दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि शहर को सुन्दर बनाने के लिये लैण्डस्केपिंग आदि का कार्य किया जायेगा।

वन संरक्षक श्री अन्नागिरी ने इस अवसर पर कहा कि जब भी किसानों से कोई नई चीज करने का या नई तकनीक को अपनाने का आग्रह किया जाता है तो उनमें चुनौती लेने की इच्छाशक्ति कम पाई जाती है। किसान जब तक सीखेंगे नहीं, तब तक वे पारंगत नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि आज की संगोष्ठी में फूलों के उत्पादन की तकनीक सीखकर जब अपने गांव जायेंगे तो वे निश्चित रूप से अन्य किसानों में भी इस ज्ञान को बांटेंगे। उन्होंने कहा कि उम्मीद है फ्लोरिकल्चर में उज्जैन के किसान देश में अपना नाम करेंगे।

श्री श्याम बंसल ने इस अवसर पर कहा कि यह आयोजन फूलों की खेती को बढ़ावा देने में जिले में मील के पत्थर का काम करेगा। हमारी सरकार खेती को लाभ का धंधा बनाने में जुटी हुई है। फूलों की खेती से जहां एक ओर आमदनी अच्छी होती है, वहीं सौन्दर्यीकरण भी होता है। कार्यक्रम में जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री भरत पोरवाल ने भी सम्बोधित किया। अन्त में आभार संयुक्त संचालक उद्यानिकी श्री एसएन नागर ने माना।

आकर्षक फूलों की रंगोली बनाई
विक्रम कीर्ति मन्दिर में प्रवेश द्वार के पास फूलों की आकर्षक रंगोली बनाई गई है। इसमें स्वच्छता का सन्देश दिया गया है। गेट पर घुसते ही फूलों की रंगोली लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। प्रदर्शनी में पुरस्कार हेतु पुष्पहार एवं बुके की भागीदारी भी सुनिश्चित करते हुए इन्हें पृथक से प्रदर्शित किया गया है। आकर्षक अलग-अलग प्रकार के फूलों के हार एक स्थान पर देखने का अवसर इस प्रदर्शनी द्वारा आमजन के लिये उपलब्ध कराया गया है।

शाम 6 से 10 तक लाइट एण्ड साउण्ड के साथ प्रदर्शनी खुली रहेगी
विक्रम कीर्ति मन्दिर में लगाई गई पुष्प प्रदर्शनी उज्जैन शहर के लोगों के लिये आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। विभिन्न प्रकार के फूलों का वे जहां अवलोकन कर सकेंगे, वहीं इनके उत्पादन की जानकारी भी ले सकते हैं। प्रदर्शनी 4 फरवरी को शाम 6 बजे से 10 बजे तक आमजन के लिये खुली रहेगी। प्रदर्शनी में लाइट एण्ड साउण्ड के साथ फूलों का प्रदर्शन होगा। इसी तरह 5 फरवरी को प्रात: 10 बजे से रात्रि तक प्रदर्शनी का अवलोकन किया जा सकेगा।

प्रदर्शनी में छह श्रेणियों में रखे गये हैं सेम्पल
प्रदर्शनी में रखे गये सेम्पलों को छह श्रेणी में विभक्त किया गया है। भाग-1 में गुलाब वर्ग-1, हाइब्रिड टी कट फ्लावर, वर्ग-2 फ्लोरिबंडा कट फ्लावर, वर्ग-3 मिनीएचर कट फ्लावर, भाग-2 में मौसमी पुष्प जिसमें सेवन्ती, बिजली, गेंदा, गेंदी, डहेलियर बीजू, अस्टर, सिटविलियम, डायथम, केंडिफ्ट, लार्कस्पर, एन्ट्रीहायनम, ल्यूपिन, स्टॉक, कैलेंडूला, पेपर फ्लावर व अन्य किस्म के पुष्प शामिल हैं। भाग-3 में कट फ्लावर, डच रोज, जरवेरा, रजनीगंधा, ग्लेडुलाई तथा स्टाटिस शामिल हैं। इसी तरह भाग-4 पुष्प गमला में जीनिया, फ्रेंच मेरिगोल्ड, डहेलिया, साल्विया, गिलार्डिया, जरबेरा, इम्प्रेशन, गुलाब हाइब्रिड, गुलाब मिनीएचर, फ्लोरिबंडा, पॉलीएंथा व अन्य गमले हैं। इसी तरह भाग-5 बोंसाई में फ्लावरिंग, फुटिंग, फोलिएज, फॉरेस्ट ग्रुप, भाग-6 में हार, अजगर, कलात्मक, वरमाला, गुलदस्ता, वेणी, गजरा शामिल हैं।

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