उद्यानिकी विभाग को नई ऊंचाईयों पर ले जाया जायेगा, अधिकारी-कर्मचारियों की भर्ती शीघ्र होगी
उज्जैन । उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सूर्यप्रकाश मीणा ने कहा है कि मध्य प्रदेश में उद्यानिकी फसलों की अत्यधिक संभावनाएं हैं। उज्जैन-इन्दौर संभाग में प्रदेश के अन्य जिलों से बहुत अच्छा काम हो रहा है। उद्यानिकी पर स्वयं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का विशेष ध्यान है और इसीलिये उन्होंने इस विभाग में पृथक से मंत्री नियुक्त किया है। विभाग में वर्तमान में अधिकारी-कर्मचारियों की कमी है, इसे शीघ्र दूर किया जायेगा। उद्यानिकी विभाग में नवाचार को बढ़ावा दिया जायेगा तथा विभागीय अधिकारियों के सुझाव पर काम किया जायेगा। उन्होंने फूड प्रोसेसिंग यूनिट के लिये विभिन्न उद्योगपतियों से जिला स्तर पर चर्चा करने के निर्देश सभी अधिकारियों को दिये हैं। श्री मीणा ने गुरूवार को उज्जैन के सिंहस्थ मेला कार्यालय में उज्जैन-इन्दौर संभाग के उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली एवं दिशा-निर्देश दिये। इस अवसर पर उज्जैन कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे, अपर संचालक उद्यानिकी श्री एके खरे, संयुक्त संचालक उद्यानिकी उज्जैन-इन्दौर श्री एसएल नागर, उप संचालक उज्जैन श्री पीएस कनेल एवं इन्दौर-उज्जैन संभाग के सभी उद्यानिकी विभाग के उप संचालक मौजूद थे।
बैठक में मंत्री श्री मीणा ने इन्दौर संभाग में मिर्च की फसल के वायरस रजिस्टेंस होने से ऐसी किस्म का उपयोग करने के निर्देश दिये हैं, जिसमें वायरस न लगे। उन्होंने सभी अधिकारियों को अपनी समीक्षा स्वयं करने को कहा है। मंत्री ने कहा है कि अब समय उद्यानिकी फसलों का आ गया है, क्योंकि कृषि उत्पादन के शिखर को हम छू चुके हैं। उन्होंने उद्यानिकी फसलों की मार्केटिंग के लिये रणनीति बनाने को कहा है। नर्मदा किनारे के सभी उद्यानिकी अधिकारियों को ‘नमामि देवी नर्मदे’ अभियान में भाग लेकर वृहद स्तर पर प्लांटेशन के निर्देश दिये। बड़वानी जिले में लहसुन एवं कलौंजी के बीज उपलब्ध नहीं होने पर मंत्री ने निर्देशित किया कि वे अजमेर से बीज की व्यवस्था करें।
कलेक्टर उज्जैन श्री संकेत भोंडवे ने कहा कि कृषि विभाग का छोटा रूप उद्यानिकी है। मालवा क्षेत्र में उद्यानिकी फसलों का मार्केट दिल्ली, मुम्बई की ओर जाने वाले रेल एवं सड़क मार्ग से खोजा जा सकता है। जिले में फूलों की मंडी को संगठित करने के प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिये 3 फरवरी से जिले में पुष्प प्रदर्शनी लगाई गई है। इसमें विदेशी फूलों के प्रदर्शन एवं उत्पादन की तकनीक किसानों को समझाई जायेगी।
बैठक में उज्जैन जिले के उप संचालक ने बताया कि जिले में तीन हजार हेक्टेयर में फूलों की खेती हो रही है। जिले में उद्यानिकी के लक्ष्यों की 80 प्रतिशत पूर्ति कर ली गई है तथा उज्जैन जिले से 14 कोल्ड स्टोरेज के प्रस्ताव भेजे गये हैं, वर्तमान में चार कोल्ड स्टोरेज पूर्ण भी हो चुके हैं। जिले में 40 हजार वर्गमीटर में पॉलीहाउस, सात हजार वर्गमीटर में नेट हाउस बनाये गये हैं। जिले में शनै-शनै संरक्षित खेती का रकबा बढ़ रहा है।
देवास जिले के उप संचालक ने बताया कि उनके जिले में 38 हजार हेक्टेयर में उद्यानिकी फसलें बोई गई हैं। सब्जियों में आलू एवं लहसुन का रकबा बढ़ा है। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी फसलों के लिये मार्केट मिलना एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आ रहा है। हॉर्टिकल्चर मंडी प्रत्येक जिले में होना आवश्यक है। रेट और मार्केट उद्यानिकी के लिये एक बड़ी समस्या है, इसका हल निकालने के लिये शासन स्तर पर प्रयास होना चाहिये। रतलाम जिले के अधिकारी ने बताया कि जिले में 95 हजार 500 हेक्टेयर में सन्तरा, नींबू व अंगूर की खेती की जा रही है। मालवा फ्रेश की दो कंपनियां यहां काम कर रही हैं तथा इनके माध्यम से निर्यात का काम भी हो रहा है। आगर जिले के अधिकारी द्वारा बताया गया कि उनके जिले में उद्यानिकी का 76 हजार हेक्टेयर रकबा है। इसमें से 38 हजार केवल सन्तरे का है। जिले में प्याज भण्डारण के लिये 146 गोडाउन बन चुके हैं। मंदसौर जिले के अधिकारी ने जानकारी दी कि जिले में 10 हजार 950 हेक्टेयर में सन्तरे की खेती की जाती है और 550 हेक्टेयर में जामफल पैदा किये जा रहे हैं। मसाले 64 हजार 700 हेकटेयर में हो रहे हैं। जिले में वर्तमान में सात प्रसंस्करण इकाई काम कर रही है, जो धनिया पावडर व लहसुन पेस्ट बनाकर बिक्री कर रही है। नीमच जिले में मसाला एवं औषधि फसल का क्षेत्रफल 33 हजार हेक्टेयर है। इसमें से लहसुन का 25 हजार हेक्टेयर क्षेत्र है। शाजापुर जिले में 64 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में उद्यानिकी फसलें है और इसमें 14 हजार 800 हेक्टेयर में सन्तरा बोया गया है।
खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां लगेंगी
श्री मीणा ने बताया कि किसानों को अपनी उद्यानिकी फसलों का अच्छा मूल्य मिल सके, इसके लिये प्रदेश में अधिक से अधिक खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां लगाये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। संभाग के शाजापुर जिले में सन्तरों के अत्यधिक उत्पादन को देखते हुए वहां बाबा रामदेव से ज्यूस की इकाई लगाने की बात भी हुई है।
निजी खेतों में कोल्ड स्टोरेज
राज्य मंत्री ने बताया कि किसान अपनी फसलों को कुछ दिन संरक्षित कर सकें, इसके लिये उनके खेतों में 10x10 आकार के कोल्ड स्टोरेज बनाने की योजना है। अनुदान सरकार सीधे किसान के खाते में अन्तरित करेगी। इसके लिये किसानों को अपना ऑनलाइन पंजीयन करवाना होगा।