गीतों की पतंग उड़ी-हास्य व्यंग्य के पेंच लड़े
उज्जैन। मध्यप्रदेश संस्कृति संचालनालय भोपाल द्वारा हास्याचार्य पं. ओम व्यास की स्मृति में भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन एटलस चौराहे पर किया गया। मध्य रात्रि तक चले आयोजन में ख्याति प्राप्त कवियों ने गीत, गजल की पतंग उड़ाई। वहीं मंच पर हास्य व्यंग्य के खूब पेंच लड़े। रसिक श्रोताओं ने
तालियों एवं ठहाको से मस्ती की डोर को थामे रखा। कुरुक्षेत्र की गीतकार डॉ. सीता सागर ने मधुर कंठ से माँ वीणा पाणि सरस्वती का मंच पर आव्हान किया। काव्य मंच से नाथद्वारा के लोकेश महाकाली ने अपनी पैरोडी की। पतंग को उचाईयां देकर दर्शको को तिल गुड़ का स्वाद दिया। वेलेंटाइन डे तो कुँवारों की आँख तीज है, पर आंनद प्रदान किया। इटारसी के आलसी कवि ने अपनी भारतीय डोर में मेल फीमेल रचना के माध्यम से सरस डाला। आलसी ने अपने अंदाज में कहा कि जिनके पास सब कुछ है पर कुछ
नहीं हैं क्योंकि वो अंदर से खुश नहीं हैं पर दाद बटोरी। कानपुर के गीतकार में मधुर कंठ से काव्य रसिको को आनंदित कर दिया। याद बहुत आते है गुड्डे गुड़ियों के दिन, 10 पैसे में 2 चूरण की पुड़ियों वाले दिन एवं ‘अगर देश से प्यार करते हो पंडित, अगर मुल्क से मोहब्बत करते हो मियां, हमें अपने राग बदलना पड़ेगा, देश की एकता की खातिर संभलकर चलना पड़ेगा’ पर काव्य प्रेमियों ने खड़े होकर सम्मान दिया। अंतराष्ट्रीय कवि अशोक भाटी ने यातायात और पुलिस व्यवस्था पर करारा व्यंग्य किया। शाजापुर के कवि अशोक नागर ने धारा प्रवाह हास्य व्यंग्य की टिपण्णीयों से शीत लहर में गर्माहट पैदा की। नरसिंहपुर के सांड नरसिहपुरी ने अपने चुटीले अंदाज में हास्य की मस्ती से श्रोताओं को देर रात्रि तक बांधे रखा। स्वामी मुस्कुराके ने अपने मस्ताने अंदाज में सूत्रधार की भूमिका में खूब मुस्कुराया। प्रारंभ में ऊर्जा मंत्री पारस जैन, राज्य सभा सदस्य सत्यनारायण जटिया, निगम सभापति सोनू गेहलोत ने स्वरों की देवी माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दिप प्रज्वल्लन कर कवि सम्मलेन का शुभारम्भ किया।
संस्कृति संचालनालय के अधिकारी सुनील मिश्र ने अतिथियों एवं कवि गणों का शाल, श्रीफल द्वारा अभिनदंन किया। पारस जैन एवं सत्यनारायण जटिया ने ओम व्यास ओम पर काव्यमय आदरांजलि प्रस्तुत कर कवि सम्मेलन का आगाज किया। इस अवसर पर कविता ओम व्यास, रंजना, संजय, ओजस, तेजस व्यास भी उपस्थित थे।