देश में मात्र नौ प्रतिशत ग्रामीण आबादी तक ही है इंटरनेट की पहुँच
संदीप कुलश्रेष्ठ । इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन द्वारा एक सर्वे किया गया, जिसमें यह पाया गया कि देश में ग्रामीण क्षेत्रों में दिसंबर 2014 से दिसंबर 2015 के दौरान इंटरनेट यूजर की संख्या में करीब 93 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई हैं। इसके बावजूद इंटरनेट की पहुंच ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र नौ फीसदी आबादी तक ही हैं। शहरी इलाकों में यह इकत्तहर प्रतिशत हैं। इस कारण ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र में अत्यधिक कठिनाई आ रही हैं।
केंद्र सरकार द्वारा सन् 2014 में कराए गए एक सर्वे के अनुसार हमारे देश की 67 प्रतिशत आबादी ग्रामीण ईलाकों में हैं। इसी ग्रामीण ईलाके में केवल नौ प्रतिशत आबादी तक ही इंटरनेट अभी तक पहुंच पाया है । यह सर्व ज्ञात है कि तकनीक शिक्षा का स्तर बेहतर कर सकती है । और इसमें इंटरनेट एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता हैं।
केंद्र सरकार ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में इंटरनेट के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएँ बना रही हैं। इसमें आगामी पांच सालों में देशभर के ढ़ाई लाख स्कूलों में वाई फाई की सुविधा दी जाएगी। इस काम में गूगल और फेसबुक जैसी प्राइवेट कंपनियां भी ग्रामीण ईलाको में इंटरनेट की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सेवा भावना के साथ कार्य कर रही हैं।
हमारे देश में एजुकेशन टेक्नोलॉजी का बाजार तेजी से बढ़ रहा हैं। ऑनलाइन शिक्षा के संबंध में किए गए सर्वे में यह पता चला है कि अगले तीन वर्षो में इसके पंद्रह प्रतिशत सालाना दर से बढ़ने की संभावना हैं। इस साल के अंत तक यह कारोबार करीब ढ़ाई अरब डालर का हो जाएगा। हमारे देश में ऑनलाइन शिक्षा भी तेजी से बढ़ रही हैं। एक सर्वे के अनुसार देश में कक्षा छठी से बारहवीं के करीब दो करोड़ छात्र ऑनलाइन शिक्षा लेना चाहते हैं।
देश में विशेषकर ग्रामीण अंचलों में रहने वाली ग्रामीण आबादी तक इंटरनेट की सहज उपलब्धता हो सके, इसके लिए केंद्र सरकार और संबंधित राज्यों की सरकारों को मिलकर विशेष प्रयास करने की आवश्यकता हैं, ताकि इस आधुनिकतम तकनीक से हमारे देश की ग्रामीण आबादी भी लाभान्वित हो सके।
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