मध्यप्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा में निवेशकों के लिये अच्छी संभावनाएँ
समिट में 20 हजार करोड़ के पाँच एम.ओ.यू.
इंदौर में चल रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2016 के दूसरे दिन नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के 20 हजार करोड़ के 2700 मेगावॉट के पाँच एम.ओ.यू. मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेन्द्र प्रधान और ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन की उपस्थिति में हुए।
एम.ओ.यू. के बाद हुए सत्र में ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष श्री विजेन्द्र सिसौदिया ने अपने उदबोधन में बताया कि नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रशिक्षित मैकेनिकों की आवश्यकता है। इसके लिये इनके प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि उन्हें राजनैतिक स्तर पर हर तरह से संरक्षण दिया जायेगा। विशेष सत्र में निवेशकों को मध्यप्रदेश में निवेश की संभावना पर जानकारी दी गयी।
प्रमुख सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा श्री मनु श्रीवास्तव ने पिछले एक दशक में प्रदेश में इस क्षेत्र में हासिल की गई उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सौर, पवन, लघु जल और बॉयोमास गैस में ऊर्जा उत्पादन के लिये नई नीति बनाकर निवेशकों को अनेक रियायतें दी जा रही हैं। इसके लिये लैण्ड बैंक भी तैयार किया गया है। सोलर पॉवर प्रोजेक्ट की चर्चा करते हुए प्रमुख सचिव ने बताया कि रीवा में 750 मेगावॉट का सिंगल साइट लार्जेस्ट प्रोजेक्ट लगाया जा रहा है। इसके लिये 1523 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की जा चुकी है। प्रोजेक्ट लगाने में विश्व बैंक की तरफ से आर्थिक मदद भी मंजूर हो गई है। इससे पैदा होने वाली बिजली दिल्ली मेट्रो को सप्लाई की जायेगी। उन्होंने बताया कि सोलर इनर्जी में वर्ष 2011-12 में जहाँ मात्र दो मेगावॉट की क्षमता थी, वह अगस्त 2016 में 770 मेगावॉट के पास पहुँच गई है। पवन ऊर्जा में वर्ष 2011-12 में मात्र 314 मेगावॉट के करीब क्षमता हुआ करती थी, यह अगस्त 2016 में 2226 मेगावॉट पहुँच गई है। राजगढ़, नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, शाजापुर, मुरैना, छतरपुर, रीवा सौर ऊर्जा के लिये बेहतर स्थान के रूप में पहचाने गये हैं।
पवन ऊर्जा के बारे में बताया गया कि इस क्षेत्र में 6,980 मेगावॉट के प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। देवास, उज्जैन, शाजापुर, रतलाम, मंदसौर, भोपाल, अलीराजपुर, धार, झाबुआ, बड़वानी प्रमुख स्थान के रूप में पहचाने गये हैं। मध्यप्रदेश पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी के चेयरमेन श्री संजय शुक्ल ने निवेशकों को बताया कि प्रदेश में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा की बेहतर संभावना के कारण कई वित्तीय संस्थाएँ ऋण देने के लिये उदार हुई हैं। उन्होंने नवकरणीय ऊर्जा विशेष रूप से सोलर एवं पवन ऊर्जा में लगने वाले उपकरणों के उत्पादन और उनके निर्यात की संभावनाओं पर निवेशकों को जानकारी दी।
सरकार के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के सचिव श्री उपेन्द्र त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री द्वारा सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निर्धारित किये गये लक्ष्य की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार ने कई देशों के साथ एम.ओ.यू. किये हैं। श्री त्रिपाठी ने बताया कि सोलर और विण्ड सेक्टर में युवाओं को रोजगार देने के लिये भारत सरकार ने प्रशिक्षण दिये जाने का कार्यक्रम तैयार किया है। प्रदेश में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सुजलोन, रिजन पॉवरटेक, वेलस्पन, सितारा, सन एडीशन और आयनाक्स विण्ड कंपनियाँ काम कर रही हैं। आज जो पाँच एम.ओ.यू साइन किये गये हैं इनमें इंडियन ऑयल कार्पोरेशन, पॉवर ट्रेडिंग कार्पोरेशन नई दिल्ली, एनटीपीसी, निवेली लिगनाईट कॉर्पोरेशन नई दिल्ली और एन.एच.डी.सी. शामिल हैं।