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मध्यप्रदेश में इन्वेस्ट कर अपनी तरक्की के साथ प्रदेश की भी तरक्की करें



“मेक इन इंडिया” सेशन में उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल
मध्यप्रदेश में इन्वेस्ट कर अपनी तरक्की के साथ प्रदेश की भी तरक्की करें। उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने यह बात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के “मेक इन इंडिया” सेशन में कही। श्री शुक्ल ने कहा कि मेक इन इंडिया का मिशन ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के बिना पूरा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिये अधोसंरचना का विकास जरूरी है। प्रदेश में 24 घंटे बिजली उपलब्ध करवाई जा रही है। प्रदेश में ड्रायपोर्ट बनाये जा रहे हैं। अगले दो वर्ष में सभी संभागीय मुख्यालय फोर लेन सड़क से जुड़ जायेंगे। उन्होंने कहा कि इन्वेस्ट मध्यप्रदेश में लोगों का विश्वास बढ़ा है।

मुख्य सचिव श्री अन्टोनी डिसा ने कहा कि उद्योगों की सहूलियत के लिये श्रम कानूनों को सरल किया गया है। उन्होंने बताया कि 62 रजिस्टर को खत्म कर एक रजिस्टर बनाया गया है। सूक्ष्म उद्योगों को 9 श्रम कानून से छूट दी गई है। श्री डिसा ने बताया कि राज्य शासन के प्रयासों से विगत दो वर्ष में लगभग 2 लाख 75 हजार करोड़ रूपये का निवेश आया है। इसके साथ ही 100 औद्योगिक इकाई में उत्पादन भी इन वर्षों में शुरू हुआ है। उद्योगों के लिये अनुमति संबंधी प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण सुधार किये गये हैं। फाइव प्वाइंट टेस्ट की नीति बनाई गई है। लोक सेवा गारण्टी अधिनियम के माध्यम से निर्धारित समय में सेवाएँ दी जा रही हैं। इसका पालन नहीं करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जा रही है। ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के मामले में मध्यप्रदेश देश के टॉप पाँच राज्य में शामिल है। प्रदेश की जीडीपी डबल डिजिट में है। वर्तमान में सरप्लस में बिजली होने के साथ ही अगले दो वर्ष में सोलर और नवकरणीय ऊर्जा के माध्यम से एक हजार मेगावाट बिजली तैयार की जायेगी।

विश्व में ब्राइटेस्ट स्पाट इंडिया और इंडिया में मध्यप्रदेश

भारत सरकार के राजस्व सचिव डॉ. हसमुख अधिया ने कहा कि उद्योगों के लिए विश्व में ब्राइटेस्ट स्पाट इंडिया और इंडिया में मध्यप्रदेश है। उन्होंने बताया कि विश्व में सर्वाधिक ग्रोथ रेट भारत की है। मध्यप्रदेश ने विगत दस वर्ष में हर क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। डॉ. अधिया ने कहा कि सर्विस सेक्टर में रोजगार की बहुत संभावनाएँ हैं। टूरिज्म में तो असीम संभावनाएँ हैं। उन्होंने जीएसटी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। जीएसटी “मेक इन इंडिया” मिशन को सपोर्ट करेगा। मल्टीप्लिसिटी ऑफ टैक्सेस से छुटकारा मिलेगा। कोई चेक पोस्ट नहीं होगी। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन तीन दिन में होगा। टैक्स का इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट होगा। रिफंड के लिए ई-एप्लीकेशन दो वर्ष के भीतर देना होगा। रिफंड 90 दिन में स्वीकृत होकर सीधे खाते में जायेगा। ई-रिटर्न की सुविधा होगी। डॉ. अधिया ने कहा कि मध्यप्रदेश देश के मध्य में होने से लॉजिस्टिक हब बन सकता है। यहाँ से कहीं भी सामान ले जाना सरल होगा।

बनेंगे कॉमर्शियल बेंच और कोर्ट

केन्द्रीय सचिव इंडस्ट्रियल पॉलिसी एण्ड प्रमोशन श्री रमेश अभिषेक ने कहा कि सभी प्रदेश में कॉमर्शियल बेंच और कोर्ट बनाये जाएंगे। उन्होंने कहा कि इंडिया मैन्यूफेक्चरिंग हब के रूप में विकसित हो रहा है। भारत सरकार ने औद्योगीकीकरण बढ़ाने के लिये कई सुधार किये हैं। टैक्स पॉलिसी बदली गई है। जरूरी सुधार करने के साथ ही सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जा रही हैं। श्री अभिषेक ने कहा कि मध्यप्रदेश में सिंगल विंडो के माध्यम से जरूरी अनुमतियाँ दी जा रही हैं। बिजनेस फ्रेण्डली माहौल बनाया गया है। बैंक सालवेन्सी संबंधी सुधार किये जा रहे हैं।

विश्व बैंक के प्रमुख अर्थशास्त्री श्री सेबस्टियन सेज ने कहा कि साऊथ एशिया के देशों में इंडिया तेजी से विकास कर रहा है। उन्होंने कहा कि एक्सपोर्ट की बहुत संभावनाएँ हैं। श्री सेज ने कहा कि विश्व बैंक स्किल अपग्रेडिंग और अन्य कार्यों में लॉजिस्टिक सपोर्ट देने के लिए तैयार है।

कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के डायरेक्टर जनरल श्री चन्द्रजीत बेनर्जी ने कहा कि मेक इन इंडिया मिशन शुरू होने के बाद कई प्रदेशों ने औद्योगिक नीति में महत्वपूर्ण सुधार किये हैं। इससे उद्योग लगाने में सहूलियत हुई। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में इंस्पेक्टर राज्य समाप्त किया गया है। उन्होंने कनेक्टिविटी बढ़ाने और डिस्ट्रिक्ट लेवल फेसिलिटेशन सेन्टर बनाने सहित अन्य सुझाव दिये। सत्र का संचालन प्रमुख सचिव उद्योग श्री मोहम्मद सुलेमान ने किया।

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