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कश्मीर में हिंसाग्रस्त क्षेत्र में पेलेट गन अत्यंत प्रभावशाली, फिर क्यों खोजा जा रहा हैं वैकल्पिक साधन ?



डॉ. चन्दर सोनाने
 
             कश्मीर में ऐतिहासिक रूप से 51 दिन के लगातार कर्फ्यू लगने के बाद अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही हैं। स्थिति के सामान्यीकरण में राजनैतिक प्रयास के अलावा हिंसाग्रस्त कश्मीर में आतंकवादियों और अलगाववादियों की हिंसक भीड़ पर पेलेट गन का उपयोग करना अत्यंत सफल और उपयोगी सिद्ध हो रहा हैं। इसके ही कारण हिंसा करने वाले युवकों और अन्य व्यक्तियों पर डर समाया और धीरे धीरे स्थिति सामान्य होने जा रही हैं। ऐसी स्थिति में जब हिंसा करने वाले युवको पर पैलेट गन अत्यंत प्रभावशाली सिद्ध हो रही हैं तो फिर इसके वैकल्पिक साधन अपनाने की बात केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा करना दुखद हैं।
             केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में कश्मीर का दौरा करने के बाद बताया कि पेलेट गन की जगह वैकल्पिक रूप से लाल मिर्च से भरे पावा शेल्स का उपयोग करने पर विचार किया जा रहा हैं। समझ से परे हैं कि कश्मीर में उपद्रवियों को काबू करने के लिए अनेक बार सफल सिद्ध हुई पेलेट गन का विकल्प क्यों सोचा जा रहा हैं ? उपद्रवियों पर नियंत्रण के लिए निश्चित रूप से पेलेट गन का उपयोग सफल सिद्ध हुआ हैं। इसलिए पेलेट गन का उपयोग बंद नही होना चाहिए।

              जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री सुश्री महबूबा मुफ्ती ने हाल ही में अपना सुर भी बदला हैं। अब वे उपद्रवियों पर सख्त कारवाई करने के पक्ष में खडी दिखाई दे रही हैं। पूर्व में इनका ढुलमुल रवैया अपने पद के अनुरूप सिद्ध नहीं हो रहा था। संभवतः जम्मू कश्मीर में भाजपा सरकार की भी सहभागिता होने के कारण मुख्यमंत्री महबूबा की भाषा और कार्य शैली में बदलाव आया हैं। यह बदलाव निश्चित रूप से सकारात्मक सिद्ध होगा। पहली बार मुख्यमंत्री केंद्र के सुर में सुर मिलाकर बात कर रही हैं। कुछ मामले ंमें तो केंद्र के गृह मंत्री राजनाथ सिंह से भी सख्त जुबान में बात करते हुए हिंसा करने वाले उपद्रवियों पर सख्त़ कारवाई करने की पैरवी करते हुए वे दिखाई दे रही हैं।
                     ऐसी स्थिति में जब केंद्र के साथ सुर से सुर मिलाकर मुख्यमंत्री उपद्रवियों को काबू करने के लिए सख्त कारवाई करने के पक्ष में हैं, तो केंद्र शासन और राज्य शासन को चाहिए कि वे उपद्रवियों के नियंत्रण के लिए वर्तमान में उपयोग में आ रही पेलेट गन का इस्तमाल भविष्य में भी करते रहे । इसी प्रकार सख्त कारवाई से ही उपद्रवियों पर नियंत्रण हो सकेगा। इसके साथ - साथ राजनैतिक स्तर पर भी कार्य करने की अत्यंत आवश्यकता हैं। इसमें केंद्र और राज्य सरकार को कदम से कदम मिलाकर कार्य करने की सख्त आवश्यकता हैं तभी जम्मू और कश्मीर में शांति स्थापित हो सकेगी। इसकी आज सख्त जरूरत भी हैं। यह जम्मू कश्मीर ही नहीं देश के लिए भी आवश्यक हैं।
 

 

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