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किसानों की जरूरत के मुताबिक बढ़ाएं सिंचाई रकबा



जल-संसाधन मंत्री डॉ. मिश्रा ने की समीक्षा
जल-संसाधन, जनसंपर्क और संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने आज जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ प्रदेश की प्रमुख सिंचाई योजनाओं पर चर्चा की। उन्होंने प्रदेश में वर्षा की स्थिति के मद्देनजर जल संसाधन विभाग को बाँधों, जलाशयों, नदियों के जल-स्तर और भराव स्तर पर निगाह रखने को कहा। जल संसाधन मंत्री ने सिंचाई क्षेत्र की जिलेवार जानकारी प्राप्त की और निर्माणाधीन सिंचाई योजनाओं के कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों की जरूरत के मुताबिक सिंचाई रकबा बढ़ाने के लिए तेजी से कार्य किया जाए।

जल-संसाधन मंत्री डॉ. मिश्रा ने आज समीक्षा बैठक में विभागीय अमले, खरीफ और रबी के सिंचाई क्षेत्र, प्रमुख बाँधों की स्थिति, निर्मित परियोजनाओं, वार्षिक कार्य-योजना, केन-बेतवा लिंक परियोजना, लघु सिंचाई परियोजनाओं, आयोजन व्यय आदि की जानकारी प्राप्त की। डॉ. मिश्रा ने राजस्व वसूली के लक्ष्य और अब तक अर्जित उपलब्धि की जानकारी भी प्राप्त की। बैठक में बताया गया कि गत वर्ष राजस्व प्राप्त करने के लक्ष्य की पूर्ति में अच्छी सफलता मिली थी। इस वर्ष भी उद्योग क्षेत्र, पेयजल के लिए निकायों से वसूली, विद्युत वितरण कंपनी, एन.टी.पी.सी., पावर प्लाटंस, कृषि प्रयोजन और अन्य वसूली मिलाकर 500 करोड़ रूपए की राजस्व वसूली के लक्ष्य को पाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

जल-संसाधन मंत्री डॉ. मिश्रा ने विभागीय अधिकारियों को किसानों के हित में विभाग के कार्यो के संचालन को प्राथमिकता देने और नई सिंचाई क्षमता के विस्तार का कार्य निरंतर करने के निर्देश दिए। उन्होंने भू-अर्जन प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के लिए जिला स्तर पर कार्य की गति बढ़ाने की जरूरत बताई।

जानकारी दी गई कि वर्ष 2016-17 की वार्षिक कार्य-योजना में 1 लाख 30 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य है। जून, 2016 तक 66 हजार 703 हेक्टेयर नवीन सिंचाई क्षमता विकसित की जा चुकी है।

बैठक में प्रमुख अभियंता श्री एम.जी. चौबे, विश्व बैंक परियोजना के परियोजना संचालक श्री नंदकुमारम और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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