गौ-मूत्र का औषधि और कीट-नाशक बनाने में भी उपयोग करें
पशुपालन मंत्री श्री आर्य ने किया शासकीय जर्सी पशु प्रजनन प्रक्षेत्र का औचक निरीक्षण
प्रदेश की गायों में नस्ल सुधार के साथ गौ-मूत्र का औषधीय और कीट-नाशक बनाने में भी उपयोग करें। पशुपालन मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य ने यह निर्देश भोपाल स्थित शासकीय जर्सी पशु प्रजनन प्रक्षेत्र डेयरी स्टेट का औचक निरीक्षण करते हुए दिये। निरीक्षण के दौरान उप संचालक डॉ. ए.एस. परिहार ने श्री आर्य को गौ-शाला और अन्य गतिविधि के बारे में जानकारी दी।
मंत्री श्री आर्य ने प्रक्षेत्र में जर्सी एवं साहीवाल गायों की गौ-शालाओं का निरीक्षण किया। ये गायें दुग्ध उत्पादन के लिये विश्व में प्रसिद्ध हैं। श्री आर्य ने गायों के रख-रखाव, उनकी नस्ल की विशेषताओं, पोषण-आहार आदि की जानकारी ली।
मंत्री श्री आर्य को बताया गया कि प्रक्षेत्र का उद्देश्य व्यावसायिक न होकर प्रदेश के लिये उच्च गुणवत्ता वाली देशी और जर्सी नस्ल की गायों का संरक्षण तथा संवर्धन करना है। प्रक्षेत्र में उत्पादित उच्च गुणवत्ता वाले बछड़ों और सांडों को प्रदेश के विभिन्न जिलों के केन्द्रीय वीर्य संग्रहालयों को प्रदाय किया जाता है, जिससे उत्पादित वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान द्वारा पशुपालकों की देशी गायों से उन्नत किस्म के गौ-वंश का जन्म होता है। इससे देशी गायों की नस्ल सुधार तथा दुग्धोत्पादन में वृद्धि होती है। प्रक्षेत्र पर उत्पादित साहीवाल सांडों को प्रक्षेत्र की विभिन्न विभागीय योजनाओं में भी प्रदाय किया जा रहा है।
श्री आर्य ने प्रक्षेत्र पर 2 गौ-शाला शेड, एक फॉडर गोदाम और एक ट्यूबवेल निर्माण के निर्देश भी दिये।