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दीक्षा के 30 साल बाद आज युवा जैन मुनि का मालवा की धरा पर मंगल प्रवेश



बड़नगर के युवा जैन मुनि गणिवर्य रत्नकीर्ति विजयजी व पन्यास प्रवर विमलकीर्ति विजयजी के साथ 8 साध्वी मंडल का भी होगा चातुर्मासिक प्रवेश
उज्जैन। बड़नगर मूल के रहने वाले युवा जैन मुनि गणिवर्य रत्नकीर्ति विजयजी म.सा. का दीक्षा के 30 साल बाद पहली बार आज मालवा में चातुर्मास के लिए मंगल प्रवेश होगा। गुरू भाई पन्यास प्रवर विमल कीर्ति विजयजी के साथ श्री ऋषभदेव छगनीराम पेढ़ी खाराकुआ पर उनका चातुर्मास होगा। आज शुक्रवार को गाजे-बाजे के साथ उनका प्रयास सामैया सुबह 8.30 बजे दौलतगंज स्थित कांच के जैन मंदिर से प्रारंभ होगा। सागर समुदाय की आज्ञानुवर्ती 8 साध्वी भी यहां चातुर्मास के लिए विराजेंगी। 1986 में दीक्षा ग्रहण कर रत्नकीर्ति विजयजी म.सा. सौराष्ट्र गुजरात, दक्षिण भारत के कई शहरों में चातुर्मास कर चुके हैं। लेकिन मालवा में उनके चातुर्मास का संयोग पहली बार बना है।
श्वेतांबर जैन समाज का चातुर्मासिक आरंभ 19 जुलाई से हो रहा है। खाराकुआ स्थित पेढ़ी मंदिर पर शासन सम्राट विजयनेमी सूरि समुदाय के पन्यास विमलकीर्ति विजयजी व गणिवर्य रत्नकीर्ति विजयजी 4 माह तक धार्मिक आराधनाएं कराएंगे। वर्ष 1986 में सौराष्ट्र के पालिताणा तीर्थ में आचार्य शीलचंद्र सूरिश्वरजी की निश्रा में महज 15 वर्ष की आयु में दीक्षाग्रहण करने वाले रत्नकीर्ति विजयजी व पन्यास प्रवर का उज्जैन आगमन हो चुका है। वे फिलहाल अरविंद नगर में विराजमान हैं। मीडिया प्रमुख अभय जैन भैय्या एवं राहुल कटारिया ने बताया कि जुलूस कांच के मंदिर से प्रारंभ होकर सखीपुरा, इंदौरगेट, फव्वारा चैक, कंठाल,सतीगेट, छोटा सराफा, नमकमंडी होते हुए श्री ऋषभदेव छगनीराम पेढ़ी पहुंचेगा जहां जुलूस धर्मसभा में परिवर्तित होगा। चातुर्मास आयोजन हेतु विभिन्न समितियां गठित की गई है। जो समस्त व्यवस्थाओं का संचालन करेगी। पेढ़ी ट्रस्ट अध्यक्ष महेन्द्र सिरोलिया, सचिव जयंतीलाल जैन तेलवाला, ट्रस्टी संजय जैन ज्वेलर्स, चातुर्मास समिति संयोजक अशोक भंडारी, सहसंयोजक प्रमोद जैन उन्हेलवाला, एड. प्रमोद जैन, तेजकुमार सिरोलिया आदि ने चातुर्मासिक आराधना में भाग लेने का अनुरोध समाजजनों से किया है।
15 साल की उम्र में ली थी दीक्षा
गणिवर्य रत्नकीर्ति विजयजी बड़नगर में पुष्पाबेन धर्मचंदजी मेहता परिवार में जन्मे हैं। उनका सांसारिक नाम राकेश मेहता था। 15 साल की आयु में घर-बार, रिश्ते-नाते छोड़ चुके युवा मुनि परिवार में इकलौते पुत्र थे। 30 साल बाद उनके मालवा में चातुर्मासिक आगमन पर समाज में काफी उत्साह है। गुरू पूर्णिमा पर पेढ़ी मंदिर पर गौतम स्वामी पूजन व आगामी दिनों में शक्रस्त्व अभिषेक कार्यक्रम होंगे। प्रवेश के उपरांत प्रतिदिन सुबह 9.15 से 10.15 बजे हरिभद्रसूरि महाराजा द्वारा रचित समरादित्य कथा आधारित उनके सारगर्भित प्रवचन होंगे।
8 साध्वी मंडल का भी होगा आगमन
सागर समुदाय की समगुणाश्रीजी म.सा. की शिष्या साध्वी विजेताश्रीजी, साध्वी दिव्यनंदिताश्रीजी, राजनंदाश्रीजी, अभिनंदिताश्रीजी, दर्शननिधिश्रीजी, संवेगनंदिताश्रीजी, विरागनंदिताश्रीजी, देवनिधिश्रीजी म.सा. भी चातुर्मासिक आराधना के लिए पधार रही हैं।

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