मनरेगा मजदूरी में विलंब के लिये सीईओ जिम्मेदार होंगे
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री की अध्यक्षता में मनरेगा सामान्य सभा की बैठक
ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा है कि मनरेगा मजदूरी में विलंब के लिये जनपद के मुख्य कार्यपालनअधिकारी सीधे जिम्मेदार माने जायेंगे। श्री भार्गव ने यह निर्देश राज्य रोजगार गारंटी (मनरेगा) परिषद की बैठक में दिये।
ग्रामीण विकास मंत्री श्री भार्गव ने कहा कि यदि कोई अधिकारी मनरेगा की मजदूरी का देर से भुगतान करेगा तो शासन उसके विरूद्ध कार्यवाही करेगा। विलंबित मजदूरी भुगतान के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने भी गाइड लाइन तय की है। मजदूरी के भुगतान में 15 दिन से ज्यादा का विलंब होता तो शासन को क्षतिपूर्ति के रूप में विलंबित मजदूरी का भुगतान करना होगा।
मंत्री श्री भार्गव ने सदस्यों को बताया कि फिलहाल सरकार के पास मजदूरी भुगतान के लिये पर्याप्त धन राशि लगभग 226 करोड़ रूपये उपलब्ध है और 500 करोड़ रूपये केन्द्र सरकार से अग्रिम लेने की प्रक्रिया भी चल रही है। हर गाँव में दो तालाब बनाये जाये, जिसमें एक वर्तमान वित्तीय वर्ष में और दूसरा अगले वर्ष बनाया जाये। उन्होंने कहा कि जल संवर्द्धन के कार्य एक ही एजेंसी को यह प्रयास किया जाये।
वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया ने कहा कि मनरेगा के सभी कार्य प्राथमिकता से करवाये जायें इसमें वित्त विभाग पूरा सहयोग करेगा। किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने भी अपने सुझाव दिये।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राधेश्याम जुलानिया और प्रमुख सचिव नीलम शमी राव ने सदस्यों को बताया कि पिछले वर्ष 12 करोड़ 37 लाख मानव दिवस के रोजगार सृजित हुए थे। इस दौरान दो लाख 18 हजार से अधिक निर्माण कार्य किये गये। इस साल अभी तक 3 करोड़ 60 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजित हुआ और 70 हजार निर्माण कार्य अब तक पूरे हो चुके है। बैठक में बताया गया कि लेवर बजट का वास्तविक आकलन तैयार कर भारत सरकार को स्वीकृति के लिए भेजा जा चुका है। गाँवों में 'प्रिय मित्र' योजना में पत्र के माध्यम से लोगों को रोजगार उपलब्धता की जानकारी दी जा रही है। भारत सरकार से मनरेगा में न्यूनतम मजदूरी अन्य राज्यों के समान करने का आग्रह किया जा रहा है। बैठक में सर्वसम्मति से सामाजिक अंकेक्षण के लिए आधार प्रतिशत राशि स्वीकृत करने का प्रस्ताव पारित किया गया। यह राशि 6 प्रतिशत प्रशासनिक व्यय के अतिरिक्त होगी।
बैठक में राज्य योजना मंडल के उपाध्यक्ष श्री बाबूलाल जैन, प्रमुख सचिव राज्सव श्री के.के. सिंह, प्रमुख सचिव वन श्री दीपक खांडेकर, प्रमुख सचिव लोक निर्माण श्री प्रमोद अग्रवाल, प्रमुख सचिव कृषि श्री राजेश राजौरा, आयुक्त मनरेगा श्री रघुराज राजेन्द्रन, आयुक्त पंचायत श्री संतोष मिश्र उपस्थित थे।