मत्स्य-पालन से अछूते तालाबों में डालें मत्स्य बीज
मत्स्य-बीज प्रदेश में ही तैयार करें
पूरे प्रदेश में करें झींगा उत्पादन
मत्स्य-पालन मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य ने की विभागीय गतिविधियों की समीक्षा
मछली पालन मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य ने मत्स्य विभाग को ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में मत्स्य-पालन से अछूते तालाबों में मत्स्य-बीज डलवाने को कहा है, ताकि अधिकाधिक लोगों को मछली पालन संबंधी रोजगार से अतिरिक्त आय हो सके। श्री आर्य आज मत्स्य-पालन विभाग की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। प्रमुख सचिव पशुपालन एवं मछली-पालन श्री अश्विनी कुमार राय, मत्स्य महासंघ के प्रबंध संचालक श्री यू.के. सुबुद्धि, संचालक मत्स्य-पालन डॉ. यू.के. पुरोहित भी बैठक में मौजूद थे।
मंत्री श्री आर्य ने मत्स्य-बीज कोलकाता से मँगवाने के बजाय प्रदेश में ही तैयार करने को कहा। श्री आर्य ने राज्य और केन्द्र शासन द्वारा मत्स्य-पालकों के लिये संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की।
मत्स्य-पालन के अंतर्राष्ट्रीय औसत की बराबरी करें
बैठक में जानकारी दी गयी कि मत्स्य महासंघ के जलाशयों में मत्स्य-उत्पादन राष्ट्रीय औसत उत्पादन से काफी अधिक है। श्री आर्य ने कहा कि प्रयास करें कि यह उत्पादन अंतर्राष्ट्रीय औसत से बराबरी करे। मध्यप्रदेश के वृहद जलाशयों में मत्स्य-उत्पादन 54 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है, जबकि राष्ट्रीय औसत 12.5 किलोग्राम है।
झींगा उत्पादन पूरे प्रदेश में बढ़ायें
मंत्री श्री आर्य ने कहा कि झींगा अच्छी आय देने वाली मछली है। इसलिये झींगा-पालन बढ़ाने में मत्स्य-पालकों की सहायता करें और पूरे ही प्रदेश में इसका विस्तार करें।
बैठक में प्रदेश की राज्य मछली महाशीर, नुकसानदायक मछली को खाकर नियंत्रित करने वाली चीतल मछली, तिलपिया मछली, मछुआ उत्थान, मछली बाजार संवर्द्धन आदि पर चर्चा की गयी।