आदिवासी एवं अनुसूचित-जाति क्षेत्रों में महिला-पोषण एवं स्वास्थ्य समस्या पर कार्यशाला
आदिवासी एवं अनुसूचित-जाति क्षेत्रों में महिलाओं के पोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर आज एक कार्यशाला प्रशासन अकादमी में हुई। महिला संसाधन केन्द्र और प्रशासन अकादमी द्वारा आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ महानिदेशक प्रशासन अकादमी श्रीमती कंचन जैन ने किया। अध्यक्षता प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास श्री जे.एन. कंसोटिया ने की। आयुक्त महिला सशक्तिकरण श्रीमती जयश्री कियावत भी उपस्थित थीं।
कार्यशाला में अतिथियों ने आदिवासी एवं अनुसूचित-जाति क्षेत्रों में महिलाओं के पोषण और स्वास्थ्य समस्याओं को चिन्हांकित कर क्रियान्वयन की रणनीति बनाने पर बल दिया। प्रशासन अकादमी के संचालक श्री सचिन सिन्हा ने मिलेनियम डेव्हलपमेंट गोल में मध्यप्रदेश की स्थिति बतायी। तेजस्विनी कार्यक्रम की प्रबंधक डॉ. रचना गुप्ता, पोषण-आहार विशेषज्ञ डॉ. अमिता सिंह, न्यूट्रीशन अधिकारी डॉ. पुष्पा अवस्थी, उप संचालक स्वास्थ्य सेवाएँ डॉ. ओ.पी. तिवारी और स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. वंदना भाटिया ने अल्प-पोषण के साथ अति-पोषण की समस्याओं को चिन्हांकित करते हुए उनके निदान के बारे में बताया।
यूनीसेफ के श्री अनिल गुलाटी ने कहा कि आदिवासी एवं अनुसूचित क्षेत्रों के लोगों के लिये तैयार की जाने वाली विशेष सामग्री स्थानीय भाषा में होना चाहिये और उसे तैयार करने के पहले उसका क्षेत्रीय परीक्षण किया जाना चाहिये। कार्यशाला का संचालन महिला संसाधन केन्द्र प्रभारी डॉ. प्रज्ञा अवस्थी ने किया।