14 मार्च से एक माह तक नहीं होंगे मांगलिक कार्य
14 मार्च को सूर्य कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश करेगा। यह समय खरमास या मलमास कहलाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बृहस्पति की राशि में सूर्य के गोचर के दौरान मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। 14 अप्रैल की सुबह सूर्य मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश करेगा। इसके बाद मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो सकेंगे।
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार सूर्य के उच्च अंश की कक्षा मेष राशि में मानी जाती है। मीन राशि में सूर्य का अंश कमजोर होता है। जब सूर्य का मीन राशि को छोड़कर मेष राशि में परिवर्तन होता है तब सूर्य का अंश बढ़ जाता है। सूर्य उच्च अंश में आकर सकारात्मक प्रभाव छोड़ते है। यही कारण है कि चैत्र, वैशाख में सूर्य का मेष राशि का परिभ्रमण होता है और यहां से पुन: मांगलिक कार्य की शुरुआत हो जाती है। इस बार अप्रैल और मई माह मेंं 11 प्रमुख मुहूर्त रहेंगे जिस पर मांगलिक कार्य किए जा सकेंगे।
ये शुभ मुहूर्त रहेंगे दो महीने
अप्रैल माह में शुभ मुहूर्त 2, 7, 9, 14, 18, 30 को है। इसी प्रकार मई महीने में शुभ मुहूर्त 1, 7, 8, 28, 29 तारीख को और जून माह में केवल 8 तारीख को शुभ मुहूर्त रहेंगा। इसी तरह मुंडन संस्कार के लिए अप्रैल में 14, 24 और मई माह में 1 व 3 तारीख को मुहूर्त है। वहीं 8 जून के बाद गुरु का वार्धक्य दोष एवं गुरु का अस्त होने से विवाह आदि नही हो सकेंगे। इसके बाद 16 नवंबर से विवाह कार्य पुन: आरंभ होंगे। विवाह के लिए नवंबर माह में 16, 22, 23, 25, 30 और दिसंबर माह में 4 दिसंबर को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं।