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नारायणाधाम जो स्थान मित्रता की सर्वश्रेष्ठ मिसाल का साक्षी बना


उज्जैन- उज्जैन से कुछ दूरी पर महिदपुर तहसील में ग्राम नारायणा स्थित है। यह स्थल भी उतना ही प्राचीन है जितना महर्षि सांदीपनि आश्रम। नारायणा धाम पर भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा ने रात्रि विश्राम किया था इसलिए यह स्थल उनकी मित्रता का साक्षी भी है। इससे एक अत्यंत रोचक प्रसंग जुड़ा हुआ है। भगवान श्रीकृष्ण जब यहां विद्या अध्ययन कर रहे थे तब एक दिन वर्षा की संभावना को देखकर गुरूमाता शुश्रुसा ने लकड़ी लाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा को वन में भेजा। उन्होंने दोनों के लिए दो मुट्ठी चने एक पोटली में रख दिये ताकी वे भूख लगने पर खा सकें।

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