सर्द हवाओं की आगोश में फिर डूबा उज्जैन शहर
सर्द हवाओं की आगोश में फिर डूबा उज्जैन शहर
उज्जैन शहर इस समय सर्द हवाओं की चपेट में है, जिसके कारण लोग ठिठुरते हुए सर्दी का सामना कर रहे हैं। खासकर स्कूली बच्चे, जो सुबह-सुबह ठंड से परेशान होकर स्कूल जाने को मजबूर हैं। शहर में सैकड़ों स्कूली बसों के स्टॉप हैं, जहां बच्चे सुबह 7:00 बजे से पहले अपने पेरेंट्स के साथ इंतजार कर रहे होते हैं। इस समय के आसपास तापमान बहुत कम होता है, और बच्चों को ठंड में बाहर निकलने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
जिम्मेदार कंबल उड़कर सोए
इस गंभीर स्थिति का जिम्मेदार कोई और नहीं, बल्कि वे अधिकारी हैं जिनके पास स्कूलों के समय को 1 घंटे बाद करने का अधिकार है, लेकिन वे इसे बदलने के लिए तैयार नहीं हैं। जब ठंडी हवाएं और अत्यधिक ठंड का असर बच्चों पर हो रहा है, तब भी इन जिम्मेदारों को इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाने की चिंता नहीं है।
स्कूल संचालक शासकीय आदेश का बेवजह इंतजार कर रहे हैं, जबकि एक महीने से ज्यादा समय हो चुका है और इस मुद्दे पर स्वतः संज्ञान लिया जा सकता था। बच्चों की सुरक्षा और उनकी भलाई को ध्यान में रखते हुए इस समय में बदलाव किया जाना चाहिए।
समाधान की ओर
इस स्थिति का समाधान सिर्फ प्रशासन की तत्परता और स्कूल प्रशासन की जागरूकता से ही हो सकता है। जब तक स्कूल का समय 1 घंटे लेट करने का निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक बच्चों को ठंड से बचाने के लिए कुछ अस्थायी उपायों पर भी विचार किया जा सकता है।