कृष्णायन : वेद व्यास ने भक्तों को बताया श्रीकृष्ण जन्म का प्रसंग
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के दूसरे दिन सोमवार को श्रीकृष्ण केंद्रित महानाट्य कृष्णायन का मंचन किया गया। इसका निर्देशन संजीव मालवीय ने किया।
महानाट्य में वेद व्यास जी भक्तों को श्रीकृष्ण जन्म की घटना बताते हैं। पृथ्वी पर बढ़ते अनाचार से दु:खी होकर पृथ्वी ब्रह्मदेव के पास जाती है। उनसे रक्षा की प्रार्थना करती है। ब्रह्मदेव सभी देवताओं के साथ विष्णु भगवान के पास जाते हैं। विष्णु भगवान अपने श्रीकृष्ण अवतार का आश्वासन देते हैं। वेद व्यास कंस का अतीत बताते हैं। कंस की बहन देवकी का विवाह प्रसंग होता है।
विदाई के समय आकाशवाणी होती है कि देवकी का सातवां पुत्र कंस की हत्या करेगा। कंस देवकी और वसुदेव को कारावास में डाल देता है। श्रीकृष्ण का जन्म होता है। वसुदेव श्रीकृष्ण को नंद-यशोदा के घर छोड़ आते हैं। नंद के यहां खुशियां मनाई जाती है। कंस श्रीकृष्ण को मारने के लिए अनेक राक्षसों को गोकुल भेजता है, परंतु वे सभी मारे जाते हैं। श्रीकृष्ण का राधा से मिलन होता है। श्रीकृष्ण गोपियों संग रास खेलते हैं। वेद व्यास रास का रहस्य बताते हैं।
कंस अक्रूरजी को भेजकर श्रीकृष्ण, बलराम को मथुरा बुलाते हैं। श्रीकृष्ण और बलराम वहां पहलवानों को मारने के बाद कंस का वध कर देते हैं। श्रीकृष्ण शिक्षा प्राप्त करने उज्जयिनी में स्थित सांदीपनि के आश्रम आते हैं। उज्जयिनी में श्रीकृष्ण मित्रवृंदा से मिलते हैं। रुक्मिणी हरण और मित्रवृंदा हरण का दृश्य आता है। श्रीकृष्ण परशुराम के आश्रम जाते हैं। शिशुपाल का वध होता है। श्रीकृष्ण सुदामा का प्रसंग होता है।
श्रीकृष्ण युद्ध रोकने के प्रयास में शांतिदूत बनकर कौरवों के पास जाते हैं और अपमानित होकर लौटते हैं। युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को गीता का उपदेश देते हैं। कृष्ण का विश्व स्वरूप प्रकट होता है। सभी उनकी अर्चना करते हैं। इसके पहले कलेक्टर नीरजकुमार सिंह, महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी, विक्रम विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद सदस्य राजेश कुशवाह, नरेश शर्मा, पुरातत्वविद डॉ. रमन सोलंकी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद प्रस्तुति के निर्देशक का श्रीमद्भगवद गीता, विक्रम पंचांग एवं पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया। महोत्सव में मंगलवार 10 दिसंबर की सुबह 10 बजे गीता आधारित प्रतियोगिता होगी।
इसी क्रम में 11 बजे से श्रीमद्भगवद गीता आधारित संगोष्ठी का आयोजन महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के सभागार में होगा। इसमें देश-विदेश के विषय विशेषज्ञ अपना वक्तव्य देंगे। सांस्कृतिक संध्या में गायिका कलापिनी कोमकली श्रीकृष्ण पर केंद्रित भजन प्रस्तुत करेंगी।
इसके बाद कुमार शर्मा एवं दल द्वारा श्रीकृष्ण : अनेक नाम-अनेक धाम नृत्य नाटिका को प्रस्तुत करेंगे। गीता जयंती 11 दिसंबर को प्रवचन, 5108 आचार्यों द्वारा गीता पाठ, मोटिवेशनल स्पीकर विवेक बिंद्रा की मोटिवेशनल स्पीच, श्रीमद्भगवद गीता एवं मूल्य आधारित शिक्षा प्रतियोगिताओं के पुरस्कार वितरण, श्रीगणेश गीता, श्रीराम गीता, श्रीदेवी गीता, श्रीशिव गीता, श्रीयम गीता, भारतीय ज्ञान परंपरा के विविध आयाम, समय का भारतीयकरण पुस्तकों एवं श्रीमद्भगवद गीता पाठ पर आधारित वीडियो का लोकार्पण, सुदर्शन चक्र की संगीतमय यात्रा- श्रीकृष्ण गाथा नृत्य नाट्य की प्रस्तुति होगी। 12 दिसंबर की सुबह 8 बजे से संपूर्ण गीता पाठ एवं यज्ञ किया जाएगा।