विक्रम विवि में मनाया टंट्या मामा का बलिदान दिवस
उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय में महानायक टंट्या मामा भील के बलिदान दिवस पर मनाया गया। जनजातीय गौरव-ऐतिहासिक सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदान विषय कार्यक्रम की थीम रखी गई।
इस अवसर पर विषय विशेषज्ञ डॉ. दीपमाला रावत ने कहा कि जनजातीय नायकों ने स्वतंत्रता के जागरण में अविस्मरणीय योगदान दिया। विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने के लिए जनजातीय समुदाय के गौरवशाली योगदान को लेकर आगे बढना होगा। जनजातीय समुदाय में सामूहिकता की भावना है जिसे नई पीढ़ी को सीखना होगा।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ रेखा नागर ने अपने उद्बोधन में कहा कि सैकड़ों वर्षों से विदेशी आक्रांताओं से मुकाबला करने में जनजातीय बन्धुओं की अविस्मरणीय भूमिका रही है। देश की स्वतंत्रता के लिए सौ से अधिक बड़ी लड़ाईया जनजाति बन्धुओं द्वारा लड़ी गई हैं।