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एक महीने से बसें खा रही धूल: सिटी बसें संचालित करने के लिए महापौर ने कहा, पर न टेंडर निकला है और न अफसरों के साथ बैठक की


शहर की सिटी बस व्यवस्था ठप है और निगम अधिकारी व जिम्मेदार आराम से बैठे हुए हैं। 24 अक्टूबर से शहर की सड़कों से सिटी बस गायब हो गई है। इसके चलते सिर्फ शहर ही नहीं व बाहर से आने वाले लोगों को भी परेशानी हो रही है। सिटी बस के नहीं चलने से यात्रियों को ऑटो और ई-रिक्शा का सहारा लेना पड़ रहा है, जबकि बसों से काफी कम दामों में उनकी यात्रा हो सकती है। ठेकेदार की लापरवाही लोगों को भुगतना पड़ रही है।

इस बीच महापौर सोमवार को सिटी डिपो का निरीक्षण करने पहुंचे और निर्देश कि सिटी बसें चालू करें लेकिन निर्देश पर अमल कैसे हो सकता है, यह तो महापौर भी नहीं बता पा रहे हैं। क्योंकि इसके लिए न तो अब तक टेंडर निकला है और न ही अफसरों से बैठक हुई है।

24 अक्टूबर से पहले शहर के 14-15 रूटों पर करीब 25 सिटी बस चल रही थीं और यह संचालन विनायक टूर एंड ट्रेवल्स द्वारा किया जा रहा था। पिछले 4 सालों से इन बसों का संचालन कर रहे ठेकेदार रिंकू राठौर द्वारा परमिट के समय को बदलवाने के लिए निगम आयुक्त के फर्जी साइन करने का खुलासा हुआ था।

इसके बाद 24 अक्टूबर को ठेकेदार का ठेका निरस्त कर दिया और तभी से बसों का संचालन बंद है। इसे लेकर स्थाई तो छोड़ें अस्थाई व्यवस्था भी नहीं की गई। इससे पहले भी लगभग 60 बसें कबाड़ में पहुंच चुकी हैं और अब यह नियमित रूप से नागरिकों की सुविधा के लिए चलाई जा रही 25 बसें भी उन्हीं के साथ खड़ी कर दी गई।

एक महीने से ज्यादा समय बीतने के बाद भी अब तक व्यवस्था को चालू करने एक बैठक नहीं की गई। जब बसों के संचालन का ठेका निरस्त हो गया है तो नया ठेके को लेकर भी टेंडर जारी नहीं किया गया। कोई प्रारंभिक कार्रवाई तक नहीं की गई। अगर ऐसा चलता रहा तो बसों का संचालन होने में और देरी होती रहेगी।

महापौर ने भी निरीक्षण किया व निर्देश दिए कि बसें चालू की जाए लेकिन वे नहीं बता पाए कि निगम द्वारा टेंडर किए बिना बसों का संचालन होगा कैसे? साथ ही अगर अस्थाई व्यवस्था भी की जाएगी तो कैसे? यह जबाव किसी ने नहीं दिया और दावा बसों को चालू करवाने का किया जा रहा है।

बसों को चालू करवाना चाहिए था और जल्द करवाएंगे, निर्देश दिए हैं। हां, टेंडर नहीं हो पाया, यह तो जिम्मेदारों की लापरवाही है कि उन्होंने अब तक कुछ क्यों नहीं किया। - मुकेश टटवाल, महापौर

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