top header advertisement
Home - उज्जैन << माधव महाविद्यालय में श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर व्याख्यान सम्पन्न

माधव महाविद्यालय में श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर व्याख्यान सम्पन्न


उज्जैन- योगेश्वर श्री कृष्ण के शिक्षा स्थली और गुरु महर्षि सांदीपनि की नगरी
उज्जयिनी अपनी मानवीय, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक एवं कलात्मक, धरोहरों के लिए
अपने आप को स्थापित किए हुए है। भगवान श्री कृष्ण का पूरा जीवन चरित्र प्रकृति और भावना पर
आधारित है। उन्होंने सभी के मानवीय भाव का मूल्यांकन कर उन्हें उसी रूप में स्वीकार किया। सभी के
प्रति उनकी दृष्टि एक समान मानवीय भाव वाली बनी रही। उनकी समृद्ध ज्ञान और दर्शन परंपरा, गीता के
रूप में हमें  उनकी एक समान मानवीय चेतना से परिचय कराती है। मानवता की रक्षा हेतु उनका इस धरा
पर जन्म लेना और प्रकृति के बीच उनका अंतर संबंध जीवन जीने की सकारात्मक प्रेरणा देता है। श्री कृष्ण
ने अपनी बाल लीलाओं में अपनी मां, गांव और साथियों के साथ जो लीलाएं कि वे वास्तव में आनंद की
अभिव्यक्ति का एक प्रकार है । उन्हें अपना आदर्श मानकर हम अपने आनंद को बढ़ा सकते हैं। &#39;मैं आनंद
में तो दुनिया आनंद में&#39; के भाव के साथ हमें कृष्ण को एक आनंद भाव की तरह स्वीकार करना चाहिए और
अपने और दूसरों के आनंद को बढ़ाना चाहिए । आपने गुरु - शिष्य, पर्यावरण आदि के साथ जुड़ना कृष्ण
के साथ जुड़ने को एक आनंद का ही रूप बताया है। यह बात भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ प्रधानमंत्री
कॉलेज आफ एक्सीलेंस शासकीय माधव महाविद्यालय में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा जारी आदेश के
तहत श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें आनंद विभाग के जिला
संयोजक डॉ. प्रवीण जोशी ने महाविद्यालय के विद्यार्थियों के बीच में कहीं । दर्शन शास्त्र विभाग की
अध्यक्ष डॉ. शोभा मिश्रा ने &#39;कृष्ण तुम मुस्कुराते हो&#39; कविता का  पाठ किया और कालिया नाग से यमुना
नदी को विषमुक्त करने की लीला का काव्य पाठ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ.अल्पना
उपाध्याय द्वारा की गई। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के इस विशेष व्यख्यान में डॉ. नीरज सारवान, डॉ. भीमसेन
अखण्ड, डॉ चंद्रदीप यादव, डॉ. अल्पना दुभाषे, डॉ ज्योति गोयल, डॉ. किरण बड़ेरिया, डॉ. दीपक भारतीय
आदि प्रध्यापक उपास्थित रहे, आभार डॉ. केशवमणि शर्मा ने दिया।

Leave a reply