कृषकों को सोयाबीन फसल के लिए उपयोगी सलाह वर्तमान में जिले में सोयाबीन की फसल की स्थिति संतोषजनक जिला डाग्नोस्टिक टीम का जिले में सतत भ्रमण
उज्जैन- जिले में इस वर्ष खरीफ मौसम में 5.12 लाख हेक्टेयर में फसल लगाने का
लक्ष्य रखा गया है। जिले में मुख्य रूप से सोयाबीन की फसल ली जाती है, जिसका लक्ष्य 5.06 लाख
हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। चूंकि जिले में खरीफ मौसम में सोयाबीन की फसल ही मुख्य
फसल है। जिले में सोयाबीन की फसल 60 से लेकर 65 दिन के अवस्था में हो गई है। वर्तमान में
सोयाबीन की फसल की स्थिति संतोषजनक है। जिला डायग्नोस्टिक टीम समय-समय पर क्षेत्र भ्रमण कर
रही है। वर्तमान में फसल में हल्का-फुल्का कीटव्याधी का प्रकोप है। वर्तमान में फसल की आवश्यकता
अनुसार वर्षा हो रही है। आज दिनांक तक जिले मे 616 मि.ली. वर्षा हो चुकी है। यदि कही पर जलभराव
की स्थिति हो तो जल-निकास की उचित व्यवस्था करें।
कृषि विभाग के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि अपने खेत की सतत निगरानी करे
खेत में जाकर 3-4 पौधों को हिलाकर देखें, इल्ली/कीट का प्रकोप तो नहीं है। यदि कहीं पर एक वर्गमीटर
में 3 से 4 इल्लियां दिखाई दे तो कीटनाशक का स्प्रे करना चाहिए। जहां पर सोयाबीन की फसल घनी होने
पर गर्डल बीटल (रिंग कटर) का प्रकोप संभव है। इसकी पहचान पौधे पर दो रिंग बने हुए दिखाई देंगे व
फसल लटकी हुई मुरझाई-सी दिखाई देगी। उसको तोड़कर खेत से बाहर फैंक दें। मौसम विभाग से प्राप्त
जानकारी अनुसार आगामी दो-चार दिनों में जिले मे अच्छी वर्षा होने की संभावना है। किसानों को सलाह है
कि जल-भराव से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए जल-निकासी की उचित व्यवस्था करें। यदि कहीं
पर कीटव्याधी का प्रकोप दिखे तो निम्नानुसार दवाईयों का उपयोग करें।