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उज्जैन की सवारी में हंसी का धमाका


उज्जैन की सवारी में हंसी का धमाका 

जब श्री महाकालेश्वर की छठी सवारी सजधज कर गणेश मंडप की ओर बढ़ी, तो सबकी निगाहें विशेष तौर पर स्वामी मुस्कुराके की मंडली पर टिक गईं। उनके सांस्कृतिक वेशभूषा में चार चाँद लगाते हुए स्वामी मुस्कुराके और उनकी मंडली ने सभी का ध्यान खींच लिया। लेकिन सबसे खास बात थी उनके हाथ में चमचमाती तलवार—जिसने तो माहौल को और भी रंगीन बना दिया। 

जैसे ही कलेक्टर और एसपी ने देखा कि मंडली के हाथ में तलवार है, उनकी उत्सुकता ने उन्हें भी सक्रिय कर दिया। कलेक्टर ने तुरंत तलवार के पास जाकर स्वामी मुस्कुराके से पूछा, "भैया, ये तलवार थोड़ी चमचमाती तो है, लेकिन क्या इसके धार पर भी ध्यान दिया गया है?"

स्वामी मुस्कुराके ने हंसते हुए जवाब दिया, "अरे, साहब! ये तलवार तो सांस्कृतिक शो के लिए है, धार तो बहुत दूर की बात है।"

फिर कलेक्टर और एसपी ने मिलकर तलवार की म्यान से निकालकर धार की जांच की। और धार ना पाए जाने पर दोनों ने राहत की सांस ली।  तलवार की धार की जांच पूरी होने के बाद, दोनों अधिकारियों ने सवारी के सांस्कृतिक प्रदर्शन की जमकर तारीफ की और स्वामी मुस्कुराके और उनके मंडली के सदस्यों—स्वामी खिलखिलाके मनोहर गुप्ता नायक, स्वामी दिल मिलाके दिनेश रावल, और स्वामी लहराके मोहित गेहलोत—की अनुशासन और सजगता की सराहना की।

फिर सब ने मिलकर हंसी मजाक की और सवारी के जश्न में चार चाँद लगा दिए। तलवार की धार से ज्यादा महत्वपूर्ण था सवारी का शानदार सांस्कृतिक प्रदर्शन, जो सबके चेहरों पर हंसी और खुशी ला गया। 

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