‘मंकीपॉक्स’ के सम्बन्ध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आमजन के लिये सामान्य जानकारी जारी
उज्जैन- मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.अशोक कुमार पटेल ने बताया कि
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 14 अगस्त को Mpox (मंकीपॉक्स) बीमारी को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित
किया है।
मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोटिक बीमारी है जो मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के
उष्णकटिबंधीय वर्षा वन क्षेत्रों में पाई जाती है। मंकीपॉक्स से संक्रमित रोगी को सामान्यतः बुखार, रेश और
लिम्फ नोड्स में सूजन पाई जाती है। कुछ रोगियों में चिकित्सकीय जटिलताएं हो सकती हैं। मंकीपॉक्स एक
स्व-सीमित संक्रमण है, जिसके लक्षण सामान्यत 2-4 सप्ताह में समाप्त हो जाते है। गंभीर प्रकरणों में मृत्यु
दर 1-10 प्रतिशत है।
मंकीपॉक्स पशुओं से मनुष्य में और मनुष्य से मनुष्य में भी फैल सकता है। उक्त वायरस कटी-
फटी त्वचा, रेस्पिरेटरी ट्रेक्ट या आंख, नाक या गुह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। संक्रमित
पशु/वन्य पशु से मानव में वायरस का संचरण काटने, खरोंचने, शरीर के तरल पदार्थ एवं घाव से सीधे
अथवा अप्रत्यक्ष संपर्क (जैसे दूषित बिस्तर) के माध्यम से हो सकता है। मनुष्य से मनुष्य में
संक्रमण/संचरण मुख्य रूप से लार्ज रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट के माध्यम से सामान्यत पर लंबे समय तक निकट
संपर्क से होता है। मंकीपॉक्स के लक्षण स्मॉलपॉक्स जैसे होते है। ऑर्थापॉक्स वायरस से फैलने वाले
स्मॉलपॉक्सा संक्रमण 1980 में दुनियाभर में समाप्त घोषित कर दिया गया था। मंकीपॉक्स स्मॉलपॉक्स की
तुलना में कम गंभीर व कम संक्रामक बीमारी है। मंकीपॉक्स का इनक्यूबेशन पीरियड आमतौर पर 7-14
दिनों का होता है. लेकिन यह 5-21 दिनों तक हो सकता है और इस अवधि के दौरान व्यक्ति आमतौर पर
संक्रामक नहीं होता है। संक्रमित व्यक्ति के चकत्ते दिखने से 1-2 दिन पहले तक रोग फैला सकता है। सभी
चकत्तों में पपड़ी गिर न जाए, रोगी तब तक संक्रामक बना रह सकता है।