शहर में ट्रैफिक समस्याओं को लेकर तकरार और चक्काजाम
शहर में ई-रिक्शा चालकों के लिए निर्धारित शिफ्ट और समय का पालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से हाल ही में नए नियम लागू किए गए हैं। गुरुवार को इन नियमों के तहत निर्धारित समय के अतिरिक्त चलने वाले 40 ई-रिक्शा चालकों पर यातायात पुलिस ने कार्रवाई की। इसके परिणामस्वरूप विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने रात को यातायात थाने के सामने चक्काजाम कर दिया, जिससे शहर में यातायात की स्थिति और भी बिगड़ गई।
नई शिफ्ट और समय व्यवस्था
शहर में ट्रैफिक कंट्रोल के लिए ई-रिक्शा चालकों के लिए दिन और रात की दो शिफ्ट तय की गई हैं। पीली पट्टी वाले ई-रिक्शा को रात 3 बजे से अगले दिन दोपहर 3 बजे तक चलाने की अनुमति है, जबकि लाल पट्टी वाले ई-रिक्शा को दोपहर 3 बजे से रात 3 बजे तक चलाया जा सकता है। इस व्यवस्था के तहत ई-रिक्शाओं पर अलग-अलग रंग की पट्टियाँ लगाई गई हैं।
पुलिस की आकस्मिक चेकिंग
गुरुवार को ट्रैफिक डीएसपी विक्रमसिंह कनपुरिया और दिलीपसिंह परिहार ने नानाखेड़ा चौराहा और रेलवे स्टेशन क्षेत्र में आकस्मिक चेकिंग की। इस दौरान 40 ई-रिक्शा चालक निर्धारित समय से अतिरिक्त समय में गाड़ी चलाते हुए पाए गए। इसके अतिरिक्त, अधिकांश ई-रिक्शा चालकों के पास आरटीओ के प्रमाण पत्र भी नहीं थे, जिसके चलते उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की गई।
विहिप और बजरंग दल का विरोध
विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इस कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। विहिप के जिला मंत्री अंकित चौबे ने आरोप लगाया कि कई ई-रिक्शा चालकों को महाकाल और आसपास के क्षेत्रों में रूट आवंटित किया गया है, जबकि उनके घर शहर के दूर-दराज क्षेत्रों में हैं। शिफ्ट खत्म होने के बाद घर लौटते समय उनके खिलाफ अतिरिक्त समय में चलने के नाम पर कार्रवाई की जाती है, जिसे उन्होंने गलत और अनुचित बताया।
चक्काजाम की घटना लगभग एक घंटे तक चली, जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन समाप्त किया। इस पूरे घटनाक्रम ने शहर में ट्रैफिक व्यवस्था और ई-रिक्शा चालकों के अधिकारों पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।