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शिप्रा में डूब रहे तीन भाई-बहन को बचाया, VIDEO:होमगार्ड और एसडीईआरएफ जवानों ने किया रेस्क्यू


शिप्रा नदी के दत्त अखाड़ा घाट पर रविवार को एक ही परिवार के तीन सदस्य दो भाई और एक बहन नदी में नहाने के दौरान गहरे पानी में चले गए। चिल्लाने की आवाज सुनकर घाट पर मौजूद होमगार्ड और एसडीईआरएफ के जवानों ने तीनों को बचाया। एक युवक के पेट में पानी चला गया था, जिसे घाट पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया। तीनों सुरक्षित हैं।

होमगार्ड तैराक दल प्रभारी ईश्वर लाल चौधरी ने बताया कि रविवार की शाम 4 बजे शिप्रा नदी के दत्त अखाड़ा घाट पर फरिदाबाद (हरियाणा) निवासी एक परिवार स्नान करने आया था। इसी दौरान नीतिश, प्रिंस और इनकी बहन सीमा नहाने के दौरान गहरे पानी में जाकर डूबने लगे। घाट पर मौजूद होमगार्ड जवान जगदीश सोलंकी, चैनसिंह और एसडीईआरएफ जवान राजेंद्र रंगरोटा ने नदी में कूदकर पहले प्रिंस और सीमा को बाहर निकाला। इसके बाद नीतिश को गहरे पानी से बाहर लेकर आए। युवक के पेट में पानी पहुंचने के कारण उसे घाट पर प्राथमिक उपचार दिया गया।इसके पहले सुबह भी दत्त अखाड़ा घाट पर ही दो युवक डूब रहे थे, जिन्हें आस-पास नहा रहे लोगों ने पकड़ कर खींच कर बाहर निकाला था।

घाट पर रेलिंग नहीं होने से हो रहे हादसे

शिप्रा नदी पर रामघाट, दत्त अखाड़ा घाट, रविदास घाट सहित अन्य घाट पर लोहे की रेलिंग नहीं होने से अधिकांश हादसे हो रहे हैं। नदी में पानी गहरा है और बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को गहराई का अंदाजा नहीं होता है। इससे कुछ फीट दूर तक कम पानी होता है, इसके बाद गहराई अधिक बढ़ जाती है।

जिला प्रशासन को शिप्रा के प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए रेलिंग लगाकर रस्सी बांधना चाहिए, जिससे श्रद्धालु रेलिंग से बाहर गहरे पानी में नही जा सकें। हालांकि, शिप्रा नदी के सिद्ध आश्रम की ओर रेलिंग लगाई है, लेकिन यहां रेलिंग घाट के ऊपर ही लगा दी है। इस पर श्रद्धालु कपड़े सुखा रहे हैं। जबकि, रेलिंग पानी के अंदर गहराई वाले क्षेत्र में जाने से रोकने के लिए लगाई जाना थी।

रामघाट-दत्त अखाड़ा की पुलिया के लेबल में पानी

बारिश के मौसम में आसपास के जिलों में हो रही वर्षा के कारण शिप्रा नदी का जल स्तर बढ़ा हुआ है। रविवार को भी रामघाट और दत्त अखाड़ा घाट को जोड़ने वाली पुलिया के लेबल में पानी था। ऐसे में यहां स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए अलग-अलग शिफ्ट में होमगार्ड और एचडीईआरएफ के जवान घाट पर तैनात किए गए हैं, जो लगातार श्रद्धालुओं को गहरे पानी में नहीं जाने की हिदायत भी देते है और घाट पर रहकर चौकसी भी करते हैं। यहां तैनात जवान नदी में डूबने जैसी दुर्घटना होने पर तुरंत मदद करते है।

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