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आजादी का पर्व अमर शहीदों के बलिदान, साहस और शौर्य के पुनर्स्मरण का दिन है -मुख्यमंत्री डॉ. यादव


उज्जैन- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि स्वतंत्रता दिवस (आजादी का पर्व)
अमर शहीदों के बलिदान, साहस और शौर्य को पुन: स्मरण का दिन है। देश के वीर सपूतों ने मातृभूमि को
रक्त से सींचकर हमें स्वतंत्रता दिलाई है। रानी दुर्गावती, चंद्रशेखर आजाद, झांसी रानी लक्ष्मी बाई और
पृथ्वीराज जैसे वीर बलिदानियों के शौर्य को सदैव स्मरण रखने की जरूरत है। स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास
में पृथ्वी राज चौहान की वीरता, संघर्ष और विजय पताका का उदाहरण हमारे लिए गर्व का विषय है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारे देश का इतिहास रानी दुर्गावती जैसी कई वीरांगनाओं की शौर्य गाथाओं
से भरा पड़ा है। स्वतंत्रता संग्राम, स्वतंत्रता सेनानियों और वीरों के बलिदान, व्यक्तित्व और कृतित्व पर
प्रकाशित पुस्तकें देश और प्रदेश के लिए बड़ा दस्तावेज हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व के हमारे वीर शासकों ने
नवीन तकनीक का उपयोग नहीं किया लेकिन आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर देश के अभिमान
को बचाए रखा। हमें समय की प्रासंगिकता को दृष्टिगत रखते हुए नवीन तकनीक का उपयोग करना चाहिए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर रवींद्र भवन सभागार में आयोजित &quot;आजादी का
महापर्व&quot; सांस्कृतिक संध्या को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संस्कृति एवं
पर्यटन श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी, विधायक श्री भगवानदास सबनानी और प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन श्री

शिव शेखर शुक्ला उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सुप्रसिद्ध पार्श्व गायिका सुश्री पलक मुछाल और
गायक पलाश मुछाल का स्वागत किया।

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