होली के त्योहार पर गांव में सेंव बनवाने की परंपरा है।
होली के त्योहार पर गांव में सेंव बनवाने की परंपरा है। घरों से लोग सेंव बनाने की सामग्री बेसन, तेल, मसाला आदि लाते हैं और कारीगर उससे सेंव बनाते हैं। हर घर से 5 से 10 किलो सेंव बनवाई जाती है। कारीगरों द्वारा मात्रा के अनुसार सेंव बनाने की मजदूरी ली जाती है। सेंव बनाने में आठ-दस कारीगर लगे हैं जो होली तक 100 क्विंटल सेंव बना देंगे। ग्रामवासियों के अनुसार जिस प्रकार दीपावली पर मिठाई बनाई जाती है उसी तरह होली पर गांव में सेंव बनाने की परंपरा है। यहां बनी सेंव रिश्तेदारी में बाहर भी भेजी जाती है।