महाकालेश्वर मंदिर में इन दिनों सुरक्षा गार्डस की कमी हो गई
श्री महाकालेश्वर मंदिर में इन दिनों सुरक्षा गार्डस की कमी हो गई है। कुछ दिनो से गार्ड ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में कुछ गार्डस को प्रमुख गेट पर लगाकर काम चलाया जा रहा है। गार्ड नहीं आने के पीछे कारण सामने आया है कि उन्हें दो माह से वेतन नहीं मिला है। हालांकि मंगलवार को क्रिस्टल प्रा.लि. ने गार्डस का दिसंबर महीने का वेतन भुगतान किया है। वहीं कंपनी के मैनेजर का कहना मंदिर समिति से पिछले छह माह से बिल का भुगतान नहीं हुआ है। क्रिस्टल कंपनी के बारे में पता चला है कि कंपनी का श्रम विभाग से लाइसेंस भी रिन्यू नही हुआ है।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था के लिए क्रिस्टल कंपनी लि. के माध्यम से सुरक्षा गार्डस की तैनाती की जाती है। पिछले कुछ दिनों से मंदिर परिक्षेत्र में पाइंट पर लगने वाले गार्डस की कमी हो गई है। शनिवार से लेकर सोमवार तक मंदिर परिसर में प्रमुख गेट को छोड़कर परिसर के अन्य पाइंट पर गार्ड नहीं दिखे। सोमवार को ही अपर मुख्य सचिव के साथ आला अधिकारियों का मंदिर में दौरा होने के बाद भी यह स्थिति रही।
क्रिस्टल कंपनी लि. के मैनेजर राहुल शर्मा ने बताया कि मंदिर समिति से जुलाई 2024 से दिसंबर 2024 तक छह माह का भुगतान नहीं हुआ है। कंपनी कब तक अपनी जेब से वेतन देगी। परिस्थिति ऐसी बनी है कि गार्ड भी ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में कंपनी और मंदिर समिति के अधिकारी मंदिर की सुरक्षा और व्यवस्था को अनदेखा कर रहे हैं। इधर महाशिवरात्रि का पर्व नजदीक है। मंदिर में 17 फरवरी से शिवनवरात्रि का पर्व प्रारंभ हो जाएगा। हालांकि महाकाल मंदिर में नए प्रशासक प्रथम कौशिक ने पद संभाल लिया है, लेकिन उन्हें अभी चार दिन ही हुए हैं। अभी तो वे मंदिर की सभी व्यवस्थाओं की जानकारी ले रहे हैं।
निजी सुरक्षा गार्डों पर प्रतिमाह 80 लाख का खर्च
श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर का विस्तार होने के बाद से सुरक्षा कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाई गई है। वर्तमान में तीन शिफ्ट में करीब 600 सुरक्षा गार्डस की रिक्वायरमेंट रहती है। वहीं श्रावण माह, शिवरात्रि व अन्य पर्व-त्योहार के समय यह संख्या बढ़ जाती है। मंदिर समिति द्वारा टेंडर में कलेक्टर रेट पर गार्ड के वेतन के आधार पर कंपनी को प्रतिमाह करीब 80 लाख रुपए का भुगतान किया जाता है। मंदिर के लेखा विभाग के अनुसार कंपनी को जुलाई 2024 से दिसंबर 2024 तक का भुगतान होना है। छह माह के दौरान करीब 4 करोड़ 80 लाख का भुगतान होना है। भुगतान नहीं होने के पीछे कारण बताया गया कि अभी तक जो भी प्रशासक रहे उन्होंने भुगतान बिल की फाईल पर हस्ताक्षर नहीं किए। लिहाजा भुगतान लंबित होता रहा। वैसे नए प्रशासक कौशिक के आने के बाद भुगतान की प्रक्रिया की जा रही है।
गार्डों की कमी से मंदिर में अव्यवस्था
महाकाल मंदिर और श्री महाकाल महालोक में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने और गार्ड की संख्या कम होने से कई अव्यवस्थाएं सामने आ रही हैं। बाहर से आने वाले श्रद्धालु महालोक की प्रतिमाओ के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं। वहीं महालोक में कई स्थानों पर अमर्यादित होकर बैठे रहते है। मंदिर परिसर में भी गार्ड तैनात नहीं होने से भीड़ नियंत्रण करने में परेशानी आ रही है। श्रद्धालु प्रतिबंधित जगह पर भी मोबाइल से फोटो लेने, रील बनाने में लगे रहते हैं।
मंदिर व्यवस्था में पुलिस, होमगार्ड और सुरक्षा गार्ड
महाकाल मंदिर पुलिस चौकी- करीब 40 पुलिस जवान इनमें होमगार्ड भी शामिल सुरक्षा अधिकारी के अधीन होमगार्ड जवान- करीब 20 होमगार्ड जवान क्रिस्टल कंपनी लि. के माध्यम से- दो शिफ्ट के लिए करीब 250 सुरक्षा गार्ड (महिला, पुरूष) केएसएस के माध्यम से रात्रि कालिन शिफ्ट के लिए करीब 100 गार्ड
सुरक्षा कंपनी पर पैनल्टी का प्रावधान है
महाकाल मंदिर में कार्यरत क्रिस्टल कंपनी लि. के साथ हुए एग्रीमेंट में स्पष्ट है कि यदि कंपनी मंदिर की रिटायरमेंट के अनुसार गार्ड नही लगा सकी तो मंदिर समिति एक दिन में जितने गार्ड कम होगें उनके एक दिन के वेतन अनुसार डबल पैनल्टी लगाएगी। मंदिर के सूत्रों का कहना है कि कंपनी पर पैनल्टी लगाना बंद कर दिया है। जिसके कारण अब कंपनी को भी कोई फर्क नहीं पड़ता है। वहीं एग्रीमेंट की शर्त में यह भी है कि मंदिर प्रशासन की ओर से बिल भुगतान में देरी भी होती है तो कंपनी को तय समय में कंपनी सुरक्षा कर्मचारियों को वेतन का भुगतान करेगी।
ड्यूटी कौन लगा रहा, किसी को नहीं पता
श्री महाकालेश्वर मंदिर में क्रिस्टल कंपनी के गार्डों की ड्यूटी पाइंट लगाने के संबंध में पड़ताल की गई। मंदिर में सुरक्षा अधिकारी का दायित्व संभालने वाली प्लाटून कमांडर हेमलता पाटीदार, मंदिर की पुलिस चौकी के प्रभारी प्रकाश दुबे, मंदिर समिति की ओर से सुरक्षा व्यवस्था प्रभारी अनुराग चौबे और क्रिस्टल कंपनी लि.के मैनेजर राहुल शर्मा ने गार्डों के ड्यूटी पाइंट लगाने की बात से इनकार कर दिया। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि आखिर पूरे मंदिर परिसर और श्री महाकाल महालोक में लगने वाले गार्डस का सत्यापन कौन कर रहा है।
मंदिर में सुरक्षा देने वाली कंपनी का लाइसेंस भी रिन्यू नही हुआ
गार्ड उपलब्ध कराने वाली क्रिस्टल प्रा लि. कंपनी के बारे में जानकारी मिली है कि कंपनी ने श्रमायुक्त कार्यालय से लाइसेंस भी रिन्यू नहीं कराया है। इस संबंध में श्रम विभाग के असिस्टेंट कमिश्रर बीपी सिंह ने बताया कि क्रिस्टल कंपनी को 30 नवंबर तक लाइसेंस रिन्यू कराना था। इसके बाद 31 दिसंबर तक पैनल्टी के साथ हो सकता था। यदि कंपनी लाइसेंस के बिना एम्प्लायमेंट कर रही है तो यह गलत है। कांटेक्ट लेबर एक्ट 1970 की धारा 12 के तहत बिना लाइसेंस किसी भी व्यक्ति को नियोजित नहीं किया जा सकता है। इसमें 6 माह की सजा व जुर्माने का प्रोविजन है। लाइसेंस नही होने पर सीधे केस दर्ज होता है।