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आयुर्वेद को बढ़ावा दिए जाने के लिए प्रदेश के पहले राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना उज्जैन में हो सकेगी।


आयुर्वेद को बढ़ावा दिए जाने के लिए प्रदेश के पहले राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना उज्जैन में हो सकेगी। इसके लिए उज्जैन से भोपाल और दिल्ली तक के प्रयास जारी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ओर से केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल को अर्धशासकीय पत्र लिखा जा चुका है और आयुष सचिव ने राज्य शासन को इसके लिए एनओसी भी जारी कर दी है। इसके लिए आगर रोड व मंगलनाथ रोड पर जमीन उपलब्ध है। जिला प्रशासन की ओर से आयुर्वेद कॉलेज को करीब ढाई बीघा जमीन का आवंटन भी किया जा चुका है और कॉलेज प्रशासन के पास पहले से भी जमीन उपलब्ध है।

इसका उपयोग कर ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एआईआईएमस) की तर्ज पर ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद (एआईआईए) की स्थापना हो सकेगी। उम्मीद की जा रही है कि चुनाव के बाद इसके प्रयास तेज होंगे और उज्जैन को इसकी सौगात मिल सकेगी। ऐसे में आने वाले समय में एआईआईए में आयुर्वेद की 20 बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी), सुपर स्पेशलिटीज का अस्पताल व सुविधाएं तथा करीब 6 ऑपरेशन थियेटर का संचालन किया जाएगा। यानी मरीजों की प्राथमिक जांच से लेकर जटिल प्रकार के ऑपरेशन भी हो सकेंगे।

पुराने और आधुनिक यंत्रों से होगी जांच व इलाज
मरीजों को एआईआईए में प्राचीन व आधुनिक यंत्रों से आयुर्वेद से ट्रीटमेंट दिया जा सकेगा। इसमें मरीजों की रिकवरी जल्द हो सकेगी। संस्थान में पीडियाट्रिक से लेकर गायनिक व सर्जरी तथा आई एंड ईएनटी आदि विभागों में मरीजों को इलाज मिल सकेगा।

आयुष मंत्री भी आयुक्त आयुष को दे चुके आदेश
अभा आयुर्वेद महासम्मेलन की प्रदेश शाखा की ओर से पिछले दिनों भोपाल में आयुष मंत्री इंदरसिंह परमार से मुलाकात कर उज्जैन में संस्थान की स्थापना को लेकर चर्चा की थी। मंत्री ने कार्रवाई के लिए आयुक्त आयुष को आदेशित किया जा चुका है।

बढ़ती बीमारियों के बीच नई दवाइयों की खोज भी

आयुर्वेद के सेंटर के रूप में आयुर्वेदिक अस्पताल व महाविद्यालय में बढ़ती बीमारियों के बीच में नई दवाइयों की खोज हो सकेगी। इसमें विशेषज्ञ शोध के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की आयुर्वेद से जुड़ी परियोजनाएं भी आ सकेगी। मरीजों का पंचकर्म मुफ्त में हो सकेगा। गर्भवती महिलाओं की सीजर से डिलीवरी हो सकेगी। घटना-दुर्घटना में घायलों का सभी तरह का इलाज हो सकेगा और ऑपरेशन हो सकेंगे।

  • आयुर्वेद अस्पताल करीब 500 बेड का होगा।
  • 20 से 25 स्पेशलिटीज विभाग होंगे।
  • 10 से 12 क्लीनिक का संचालन होगा।
  • रिसर्च लैब एवं आयुर्वेद औषधि सेंटर होगा।

आयुर्वेद संस्थान के आने की उम्मीद

राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव की ओर से केंद्रीय आयुष मंत्री सोनोवाल को अर्धशासकीय पत्र लिखा जा चुका है और आयुष सचिव ने राज्य शासन को इसके लिए एनओसी भी जारी कर दी है। इसके लिए बजट भी है। सांसद अनिल फिरोजिया की ओर से भी इसके लिए प्रयास जारी हैं। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में उज्जैन को राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान मिल सकेगा।
डॉ. जेपी चौरसिया, प्राचार्य -धन्वंतरि आयुर्वेद महाविद्यालय

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