भस्मआरती में अर्पित करेंगे हर्बल गुलाल
देश में सबसे पहले महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में 24 मार्च को संध्या कालीन आरती (शाम 6.30 बजे) के बाद होलिका दहन किया जाएगा। इसके पहले महाकाल मंदिर आंगन में ओंकारेश्वर मंदिर के सामने परिसर में श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति और पुजारी परिवार की ओर से होलिका पूजन किया जाएगा। 25 मार्च की भस्मआरती में महाकालेश्वर के गर्भगृह में हर्बल गुलाल और अबीर अर्पित किया जाएगा।
पं. आशीष पुजारी का कहना है कि महाकालेश्वर को ब्रह्मांड नायक राजा माना जाता है। ऐसे में होली, रक्षाबंधन, दीपावली जैसे प्रमुख त्योहार की शुरुआत उन्हीं के पूजन से की जाती है। रंगपंचमी की भस्मआरती भी खास रहने वाली है। इसमें केसर से भरी पिचकारी से प्रभु के संग उत्सव मनाया जाएगा। संध्या आरती में शाम 6.30 बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की ओर से खील बताशे के साथ मठरी की माला अर्पित की जाएगी।
भांग व सूखे मेवे का किया शृंगार
भगवान महाकाल का बुधवार काे संध्या आरती में भांग, सूखे मेवे से शृंगार किया गया। शृंगार के बाद भगवान की आरती हुई।
तीन आरतियों का समय बदलेगा
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में वर्ष में दो बार प्रतिदिन होने वाली आरतियों के समय में बदलाव किया जाता है। इस बार होलिका दहन 24 मार्च को किया जाएगा। मंदिर की परंपरा अनुसार चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से प्रतिदिन होने वाली आरतियों के समय में बदलाव किया जाएगा। इसके साथ ही महाकालेश्वर काे शीतल जल से स्नान का क्रम शुरू हो जाएगा।
पं. प्रदीप गुरु के अनुसार महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की आरतियों के समय में 30 मिनट का बदलाव किया जाता है। संध्या कालीन पूजन शाम 5 बजे से शुरू होता है। आरतियों का यह क्रम कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा तक जारी रहेगा। उसके बाद फिर इसमें बदलाव किया जाएगा और महाकालेश्वर को गर्म जल से स्नान करवाया जाएगा।
तीन आरती में करेंगे बदलाव
1. दद्योदक आरती : वर्तमान में सुबह 7.30 बजे से शुरू होती है। यह सुबह 7 से 7.45 बजे तक की जाएगी। 2. भोग आरती : वर्तमान में सुबह 10.30 बजे से शुरू होती है। यह सुबह 10 से 10.45 बजे तक की जाएगी। 3. संध्या आरती : वर्तमान में शाम 6.30 बजे से शुरू होती है। यह शाम 7 से 7.45 बजे तक की जाएगी।
इनमें कोई बदलाव नहीं होगा
- प्रथम भस्म आरती : सुबह 4 से 6 बजे तक।
- चतुर्थ संध्याकालीन पूजन : शाम 5 से 5.45 बजे तक।
- शयन आरती : रात 10.30 से 11 बजे तक।