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सेक्टर आफिसर एवं पुलिस सेक्टर आफिसर आपसी बेहतर समन्वय से अपनी महती भूमिका का निर्वहन कर जनता से सीधे संवाद बनाकर रखें -एसपी श्री शर्मा


उज्जैन। सेक्टर एवं सेक्टर पुलिस अधिकारियों का प्रशिक्षण पॉलीटेक्निक महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री प्रदीप शर्मा ने सेक्टर आफिसरों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सेक्टर आफिसर एवं पुलिस सेक्टर आफिसर आपसी बेहतर समन्वय से अपनी महती भूमिका का निर्वहन कर जनता से सीधे संवाद बनाये रखें। जिन सेक्टर आफिसरों को सेक्टर सौंपे गये हैं, उनकी एक मतदान केन्द्र से दूसरे मतदान केन्द्र की दूरी को भलीभांति देख लें। आने-जाने का रास्ता देखें, रास्ते की सुगमता का ध्यान रखें। मतदान केन्द्रों पर सुव्यवस्थित व्यवस्थाएं देख ली जाये। सेक्टर आफिसरों को रिजर्व में सौंपी जाने वाली मशीनों को सुरक्षित रखें एवं अपने सेक्टर के मतदान केन्द्र पर ही रात्रि विश्राम करें। संवेदनशील मतदान केन्द्रों पर विशेष ध्यान दिया जाये। अपने-अपने सेक्टरों में वारंटियों को वारंट तामील करवायें। जिनको वारंट तामील नहीं हो रहे हैं, उन्हें तामील करवायें। सेक्टर आफिसरों को मतदान की पूरी प्रक्रिया की जानकारी होना चाहिये।
प्रशिक्षण के दौरान अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री एमएस कवचे ने बताया कि आज मंगलवार को विधानसभा क्षेत्र घट्टिया, उज्जैन उत्तर एवं उज्जैन दक्षिण के सेक्टर आफिसरों एवं सेक्टर पुलिस अधिकारियों का प्रशिक्षण है। उन्होंने प्रशिक्षण के विषयवस्तु से अवगत कराते हुए कहा कि सेक्टर आफिसर एवं सेक्टर पुलिस आफिसर का दायित्व बड़ा महत्वपूर्ण है और सेक्टर आफिसरों की निर्वाचन कार्य में बड़ी अहम भूमिका होगी। उन्होंने उपस्थित सेक्टर आफिसरों से कहा कि उनको मजिस्ट्रेट के पॉवर दिये गये हैं। मतदान की सारी प्रक्रिया की जवाबदारी सेक्टर आफिसरों की होगी। अपने-अपने सेक्टरों में भ्रमण कर व्यवस्थाओं का सतत जायजा लेते रहें। मतदान केन्द्रों की व्यवस्थाएं और उपस्थित बीएलओ से संवाद स्थापित किया जाये। सेक्टर आफिसरों का मतदान प्रक्रिया में महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। क्रिटिकल मतदान केन्द्रों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। अपने सेक्टरों में महत्वपूर्ण व्यक्ति मतदाता सूची से नाम जोड़ने में छूटे नहीं, इसका भी विशेष ध्यान रखा जाये। एएसपी श्री गुरूप्रसाद पाराशर ने सेक्टर आफिसरों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सेक्टर आफिसर और सेक्टर पुलिस आफिसर का समन्वय होना बहुत आवश्यक है। एक-दूसरे अधिकारी अपने मोबाइल नम्बर जरूर शेयर करें और बेहतर समन्वय स्थापित कर मतदान प्रक्रिया को पूर्ण करायें। प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर्स द्वारा जो जानकारियां दी जा रही है, उसका अनिवार्य रूप से पालन किया जाये।
सेक्टर आफिसर एवं सेक्टर पुलिस आफिसरों को डॉ.संदीप नाडकर्णी एवं डॉ.विजय सुखवानी ने विस्तार से प्रशिक्षण देते हुए बताया कि सेक्टर आफिसर, आरओ और मतदान दल मतदाता के बीच महत्वपूर्ण कड़ी है, जो सेक्टर में अपने दायित्वों, कर्त्तव्यों का निर्वहन सजगतापूर्वक कर मतदान प्रक्रिया शान्तिपूर्वक सम्पन्न करवाने में अपनी भूमिका अदा करें। मास्टर ट्रेनर्स ने प्रशिक्षणार्थियों को उनके कार्य एवं उत्तरदायित्व की जानकारी देते हुए बताया कि सेक्टर आफिसरों की नियुक्ति से लेकर मतदान प्रक्रिया समाप्ति तक चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी रहेगी। मतदान दिवस से सात दिवस पूर्व विशेष कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की शक्तियों के साथ सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में नियुक्ति की जायेगी। एक सेक्टर में 10 से 12 मतदान केन्द्र एवं सेक्टर में समाहित रूट की जानकारी रहेगी। सेक्टर आफिसर वल्नरेबलिटी मेपिंग, मतदाता जागरूकता अभियान, चुनाव प्रबंधन, ईवीएम की कार्य प्रणाली, कानून व्यवस्था, मतदान की प्रक्रिया, आदर्श आचरण संहिता, आयोग के दिशा-निर्देश की भलीभांति जानकारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें। प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि सेक्टर एवं पुलिस सेक्टर आफिसर समन्वय कर अपने-अपने सेक्टरों का भ्रमण कर बीएलओ से सम्पर्क करें, उनके नम्बर मतदान केन्द्रों की सूची, आवश्यक मूलभूत सुविधाएं एवं संचार सुविधाएं की जानकारी एकत्रित कर पत्रक तैयार किया जाये। यह भी जानकारी होना आवश्यक है कि गत निर्वाचनों के मतदान प्रतिशत की जानकारी, ईपिक रेशो एवं जेण्डर रेशो की मतदान केन्द्रवार जानकारी, कानूनी प्रावधान पर नोट आदि की जानकारी तैयार कर उसका भलीभांति अध्ययन करें।

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