सड़कों के डामरीकरण का भुगतान ठेकेदार को नहीं दिया तो रोक दिया काम
आचार संहिता से पहले शहर की सड़कों में हुए गड्ढों को भरने के लिए करीब 3 करोड़ की लागत से पैचवर्क का टेंडर निकाला गया, वर्क ऑर्डर भी हुआ लेकिन ठेकेदार ने काम शुरू नहीं किया। कारण कायाकल्प में 14 सड़कों के डामरीकरण का पूरा भुगतान नहीं हो पाना। इधर, 60 अन्य सड़कों के डामरीकरण का काम भी शुरू नहीं हो पाया है। चार माह की समय सीमा तय करने के बाद भी अभी वर्क ऑर्डर जारी नहीं हो पाया है। निगम आयुक्त का पद संभालते ही आशीष पाठक ने स्पष्ट किया था कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले अधूरे काम कर लिए जाएं लेकिन आतंरिक मार्गों के डामरीकरण और पैचवर्क का काम अटका है। कायाकल्प के तीन फेज की 14 में से 12 सड़कों का डामरीकरण हो गया, जबकि दो सड़कों का डामरीकरण अभी भी बचा है।
शासन से इस काम के लिए करीब 5 करोड़ रुपए मिले थे, लेकिन ठेकेदार को करीब 3 करोड़ ही भुगतान हुआ। बाकी भुगतान नहीं होने के चलते ठेकेदार ने डामरीकरण रोक दिया। दूसरी ओर वार्डों में पैचवर्क का काम भी करीब 3 करोड़ का इसी ठेकेदार के पास है। वह इसलिए काम शुरू नहीं कर रहा है, क्योंकि जब पुराना भुगतान ही अटका है तो नए पेमेंट का क्या होगा। ऐसे में वह नया काम शुरू नहीं कर रहा है। इन सबके बीच शहर की 60 सड़कों का डामरीकरण भी शुरू नहीं हो पाया है। अधिकारी इसे प्रक्रिया में होना बता रहे हैं लेकिन हकीकत है कि बजट की दिक्कत के चलते अधिकारी ही वर्क ऑर्डर नहीं दे पा रहे हैं।