134 किमी लंबे मार्ग का कार्य पूरा, जल्द होगा लोकार्पण
उज्जैन-आगर मार्ग पर अब फ्री में सफर बंद होगा। करीब 6 वर्ष बाद इस मार्ग पर पुन: टोल नाके शुरू होने जा रहे हैं। उम्मीद हैं कि अगले महीने से इन पर वसूली शुरू हो जाएगी। एक अनुमान के हिसाब से इस मार्ग से औसतन रोजाना 6 हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं। 134 किमी लंबे इस मार्ग का निर्माण नेशनल हाइवे ने पूरा कर लिया है। ये मार्ग उज्जैन-आगर से होते हुए राजस्थान की सीमा से जुड़ा है।
इसके निर्माण में करीब 498 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इसे राष्ट्रीय राज मार्ग 552जी नाम दिया गया है। चूंकि इस रूट (उज्जैन-आगर) पर रेल लाइन नहीं है, लिहाजा जनता के लिए यह सड़क मार्ग बेहद ही उपयोगी है। नवनिर्मित मार्ग पर निपानिया गोयल और आमला क्षेत्र में टोल नाके बनाने का कार्य भी अंतिम चरणों में है। बताया जा रहा है टोल वसूली का ठेका देने के लिए टेंडर की प्रक्रिया प्रचलन में है।
बिंदुवार समझें... इस मार्ग की कैसे बदली तस्वीर
- पूर्व में महू की एजेंसी के पास मार्ग पर टोल वसूली व संधारण का ठेका था। ये एजेंसी हर महीने 2.70 करोड़ की वसूली तो करती थी लेकिन मार्ग के संधारण में रुचि नहीं दिखाती।
- सितंबर 2017 में टोल एजेंसी 15 वर्ष का अनुबंध खत्म होने पर जर्जर हालात में ही इस मार्ग को एमपीआरडीसी को सौंप दी थी।
- इस मार्ग के मेंटेनेंस व डामरीकरण का ठेका 19 करोड़ में मथुरा की एजेंसी को देना पड़ा था।
- बावजूद ये मार्ग कभी पूर्णत: सही रहा ही नहीं। ही रहा था।
- फरवरी 19 में एमपीआरडीसी ने मार्ग को नेशनल हाइवे अथॉरिटी को हैंडओवर कर दिया था।
- बाद में सांसद अनिल फिरोजिया के प्रयासों से केंद्र ने राशि स्वीकृत की और जून 2021 में इसका निर्माण शुरू हुआ।
अब बदल गई तस्वीर
एक वक्त था ( 5-6 वर्ष पहले) तब जब भी खराब सड़कों की बात होती तो इस (उज्जैन-आगर) मार्ग का उदाहरण सबसे पहले दिया जाता था। इस मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे इसमें थे। इसके चलते आए दिन हादसे भी होते थे। चूंकि इस रूट पर रेल लाइन नहीं होने से जनता के लिए इसी खस्ताहाल मार्ग से सफर करना मजबूरी था लेकिन बाद में दिन पलटे और अब इस मार्ग की तस्वीर भी बदल गई। यहां सफर आसान हुआ।